Tuesday 26 June 2018

हमारी जाति कौन सी है ? .....

हमारी जाति कौन सी है ? .....
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जो वास्तव में अपने पूर्ण हृदय से भगवान को प्रेम करते हैं, उन सब की एक ही जाति है और वह है .... "अच्युत" | एक महिला का विवाह होता है तब विवाहोपरांत उसकी जाति, कुल व गौत्र वही हो जाता है, जो उसके पति का है|

वैसे ही जब हमने अपना जीवन भगवान को सौंप दिया है तो हमारी जाति वही हो जाती है जो भगवान की है| सांसारिक जातियाँ तो इस नश्वर देह की हैं, इस शाश्वत जीवात्मा की नहीं| इस नश्वर देह के अवसान के उपरांत यह नश्वर जाति भी नष्ट हो जायेगी| साथ सिर्फ परमात्मा का ही होगा| अतः भगवान ही हमारी जाति हैं जो अच्युत हैं| इस संसार में सब अपने प्रारब्ध कर्मों का भोग भोगने के लिए ही बाध्य होकर आये हैं| तब कोई विकल्प नहीं था| पर अब तो भगवान ने हमें यह विकल्प दिया है .....

"जाति हमारी ब्रह्म है, माता-पिता हैं राम |
घर हमारा शुन्य में, अनहद में विश्राम ||"

परमात्मा की अनंतता ही हमारा घर है और प्रणव रूपी अनाहत नाद का श्रवण ही विश्राम है| परमात्मा का और हमारा साथ शाश्वत है|

ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२० जून २०१८

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