तन्मे मनः शिव संकल्पमस्तु .....
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सारे शिव संकल्प प्रत्यक्ष शिव ही हैं .........
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जब भी भगवान कि गहरी स्मृति आये और भगवान पर ध्यान करने कि प्रेरणा मिले तब समझ लेना कि प्रत्यक्ष भगवान वासुदेव वहीँ खड़े होकर आदेश दे रहे हैं| उनके आदेश का पालन करना हमारा परम धर्म है|
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जब भी भगवान से किसी भी समय कोई भी शुभ कार्य करने की प्रेरणा मिले तो वह शुभ कार्य तुरंत आरम्भ कर देना चाहिए| सारी शुभ प्रेरणाएँ भगवान के द्वारा ही मिलती हैं|
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सारे शिव संकल्प प्रत्यक्ष शिव ही हैं .........
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जब भी भगवान कि गहरी स्मृति आये और भगवान पर ध्यान करने कि प्रेरणा मिले तब समझ लेना कि प्रत्यक्ष भगवान वासुदेव वहीँ खड़े होकर आदेश दे रहे हैं| उनके आदेश का पालन करना हमारा परम धर्म है|
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जब भी भगवान से किसी भी समय कोई भी शुभ कार्य करने की प्रेरणा मिले तो वह शुभ कार्य तुरंत आरम्भ कर देना चाहिए| सारी शुभ प्रेरणाएँ भगवान के द्वारा ही मिलती हैं|
जब भी मन में
उत्साह जागृत हो उसी समय शुभ कार्य प्रारम्भ कर देना चाहिये| भगवान ने जो
आदेश दे दिया उसका पालन करने में किसी भी तरह के देश-काल शौच-अशौच का विचार
करने की आवश्यकता नहीं है|
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सबसे बड़ा और सबसे बड़ा महत्वपूर्ण शुभ कार्य है ---- भगवान का ध्यान|
शुभ कार्य करने का उत्साह भगवान् की विभूति ही है| निरंतर भगवान का ध्यान करो| कौन क्या कहता है और क्या नहीं कहता है इसका कोई महत्व नहीं है|
हम भगवान कि दृष्टी में क्या हैं ---- महत्व सिर्फ इसी का है|
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |
ॐ शिव | ॐ ॐ ॐ ||
#कृपाशंकर #शिवसंकल्प
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सबसे बड़ा और सबसे बड़ा महत्वपूर्ण शुभ कार्य है ---- भगवान का ध्यान|
शुभ कार्य करने का उत्साह भगवान् की विभूति ही है| निरंतर भगवान का ध्यान करो| कौन क्या कहता है और क्या नहीं कहता है इसका कोई महत्व नहीं है|
हम भगवान कि दृष्टी में क्या हैं ---- महत्व सिर्फ इसी का है|
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |
ॐ शिव | ॐ ॐ ॐ ||
#कृपाशंकर #शिवसंकल्प