मनुष्य योनी में असुर .....
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इस सृष्टि में मनुष्य के रूप में ही असुर, राक्षस, पिशाच, प्रमथ, वानर और पशु भी हैं| ये वृत्तियाँ हैं जो इनका वर्गीकरण करती हैं| पर ये सब आसुरी जगत के ही भाग हैं| असुर बड़े शक्तिशाली होते हैं| इनके कई काम हैं जिनमें से कुछ की यहाँ चर्चा करते हैं|
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इनका सबसे बड़ा काम है समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर समाज को भ्रमित रखना| इनका आनन्द सिर्फ नशा और कामवासना ही होता है| ये दूसरों के दुःख में सुखी और दूसरों के सुख में दुःखी होते हैं| लोगों में असंतोष को जन्म देकर उनमें द्वेष पैदा करना इनका स्वभाव होता है| धर्म से लोगों को विमुख करना और अन्याय का समर्थन, इनका मनोरंजन होता है|
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ऐसे लोगों से दूर रहने में ही कल्याण है| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
५ मार्च २०१८
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इस सृष्टि में मनुष्य के रूप में ही असुर, राक्षस, पिशाच, प्रमथ, वानर और पशु भी हैं| ये वृत्तियाँ हैं जो इनका वर्गीकरण करती हैं| पर ये सब आसुरी जगत के ही भाग हैं| असुर बड़े शक्तिशाली होते हैं| इनके कई काम हैं जिनमें से कुछ की यहाँ चर्चा करते हैं|
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इनका सबसे बड़ा काम है समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर समाज को भ्रमित रखना| इनका आनन्द सिर्फ नशा और कामवासना ही होता है| ये दूसरों के दुःख में सुखी और दूसरों के सुख में दुःखी होते हैं| लोगों में असंतोष को जन्म देकर उनमें द्वेष पैदा करना इनका स्वभाव होता है| धर्म से लोगों को विमुख करना और अन्याय का समर्थन, इनका मनोरंजन होता है|
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ऐसे लोगों से दूर रहने में ही कल्याण है| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
५ मार्च २०१८