Thursday, 18 November 2021

एक साधे सब सधे, सब साधे सब खोय ---

एक साधे सब सधे, सब साधे सब खोय ---
यह मेरा अपना निजी विचार है कि एक समय में भगवान के एक ही नाम-रूप की आराधना करनी चाहिए| सारे नाम-रूप उन्हीं के हैं| भगवान के किसी भी प्रिय नाम का, या उनके किसी बीजमंत्र या मंत्र का, निरंतर जप करते रहें, कोई मिलावट न करें| सब नाम-रूप भगवान के ही हैं|
मेरे विचारों से आप असहमत भी हो सकते हैं| जैसी भी आपकी श्रद्धा हो, वैसा कीजिये, पर कुछ न कुछ तो करते रहिए| निष्क्रिय रहने से तो कुछ न कुछ करते रहना अच्छा है| हिन्दू धर्म में अनेक साधना पद्धतियाँ हैं| जो भी हमारे अनुकूल है, वह अपना लें, और उसके प्रति समर्पित रहिए|
१९ नवंबर २०२०