सारी बातों का सार :--
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बिना किसी दिखावे के अपने ह्रदय का पूर्ण प्रेम परमात्मा को दें और अपने जीवन का केंद्रबिंदु उन्हें बनाएँ | जीवन का छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा हर कार्य पूरी लगन से परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए ही करें | फिर जीवन में सब सही होगा | अंततः परमात्मा स्वयं ही हमारे जीवन का भार स्वयं संभाल लेंगे |
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जब परमात्मा ही हम से प्रेम करने लगें, उस से अधिक अच्छी और क्या स्थिति हो सकती है ?
हमें भी चाहिए कि हम भी उनके प्रेम में डूब कर स्वयं प्रेममय हो जाएँ और अनावश्यक मानसिक कल्पनाओं और विचारों से स्वयं को मुक्त कर लें| सावधान ! भक्ति कहीं मानसिक मनोरंजन मात्र (या टाइमपास) न हो जाए |
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हम भारतवासियों के आदर्श भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, और वे त्यागी तपस्वी निःस्पृह संत महात्मा स्त्री/पुरुष ही हो सकते हैं जिन्होंने निज जीवन में परमात्मा को व्यक्त किया| वे ही भारत के प्राण हैं जिन्होनें भारत की अस्मिता को जीवित रखा|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
९ मार्च २०१८
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बिना किसी दिखावे के अपने ह्रदय का पूर्ण प्रेम परमात्मा को दें और अपने जीवन का केंद्रबिंदु उन्हें बनाएँ | जीवन का छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा हर कार्य पूरी लगन से परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए ही करें | फिर जीवन में सब सही होगा | अंततः परमात्मा स्वयं ही हमारे जीवन का भार स्वयं संभाल लेंगे |
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जब परमात्मा ही हम से प्रेम करने लगें, उस से अधिक अच्छी और क्या स्थिति हो सकती है ?
हमें भी चाहिए कि हम भी उनके प्रेम में डूब कर स्वयं प्रेममय हो जाएँ और अनावश्यक मानसिक कल्पनाओं और विचारों से स्वयं को मुक्त कर लें| सावधान ! भक्ति कहीं मानसिक मनोरंजन मात्र (या टाइमपास) न हो जाए |
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हम भारतवासियों के आदर्श भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, और वे त्यागी तपस्वी निःस्पृह संत महात्मा स्त्री/पुरुष ही हो सकते हैं जिन्होंने निज जीवन में परमात्मा को व्यक्त किया| वे ही भारत के प्राण हैं जिन्होनें भारत की अस्मिता को जीवित रखा|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
९ मार्च २०१८