Friday, 9 March 2018

"काम", "क्रोध", और "लोभ" ये नर्क के तीन मुख्य द्वार हैं ......

"काम", "क्रोध", और "लोभ" ये नर्क के तीन मुख्य द्वार हैं ......
भगवान कहते हैं :---
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः| कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत् ||१६:२१||
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उपरोक्त श्लोक में एक छिपी हुई बात है जो बड़े ध्यान से ही समझ में आती है| नर्क क्या है? नर्क है ...."आत्मानः नाशनम्"| आत्मा तो अजर अमर है, अपने पुरुषार्थ से भ्रष्ट हो जाना ही आत्मा का नाश है| आत्मा को पुरुषार्थ की ओर प्रवृत्त न करना आत्मा का हनन है| यही नर्क है| पुरुषार्थ से परे करने का कार्य "काम", "क्रोध", और "लोभ" करते हैं, अतः ये नर्क के द्वार हैं| इनका भी कारण हमारा अज्ञान है|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
०६ मार्च २०१८

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