Wednesday, 12 January 2022

मुझे निरंतर अपने साथ ही रखो, मुझे अपने साथ एक करो ---

 हे प्रभु, मुझे अपना उद्धार, मुक्ति या मोक्ष आदि कुछ भी नहीं चाहिए; मुझे निरंतर अपने साथ ही रखो, मुझे अपने साथ एक करो ---

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उद्धार होने से क्या पता आपका साथ छूट जाये| मुझे मेरा उद्धार नहीं, आपका सदा साथ ही चाहिए| तरह-तरह के संकल्पों-विकल्पों से मुक्ति दो, ये विक्षेप उत्पन्न करते हैं| आपके उपदेशों का पालन करने की सामर्थ्य मुझ में नहीं है| आपने कह तो बहुत कुछ दिया पर उसका पालन करने में मैं असमर्थ हूँ| जो करना है वह आप ही करो| मेरा काम अपनी सब बुराइयों के साथ आपको समर्पित होना है| बुराइयाँ नहीं छूटतीं| आपने अपने चरणों में आश्रय दिया है, वही पर्याप्त है| और कुछ नहीं चाहिए| आपके उपदेश भी नहीं चाहिए| मुझे अपने साथ एक करो| बस और कुछ नहीं|
ॐ तत्सत् !!
१२ जनवरी २०२१