Monday 11 April 2022

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, को आने वाले नव-संवत्सर व बासंतिक-नवरात्र की मंगलमय हार्दिक शुभ कामनाएँ !! ---

 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, को आने वाले नव-संवत्सर व बासंतिक-नवरात्र की मंगलमय हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

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मेरे मानस में अनेक शिव-संकल्प, शुभ-विचार और अति-आकर्षक व अति-प्रिय बुद्धि-विलास की बहुत सारी अलंकृत बातें भरी पड़ी हैं। पूरे विश्व के वर्तमान घटनाक्रम के प्रति भी मैं संवेदनशील हूँ। लेकिन इस समय वर्तमान में यह सब कुछ गौण हो गया है। इन का कोई महत्व नहीं है।
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जीवन का सबसे बड़ा आकर्षण है -- कूटस्थ में भगवान परमशिव का ध्यान। यह जीवन उसी के लिए समर्पित है। अनेक अनुभूतियाँ और उपलब्धियाँ हैं, जिन का वर्णन नहीं किया जा सकता। वे गोपनीय ही रहें तो ठीक हैं। यह बासंतिक नवरात्र, आध्यात्मिक-साधना के लिए ही समर्पित है।
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कर्ता तो जगन्माता स्वयं हैं, जो मेरुदंड की सुषुम्ना नाड़ी में कुंडलिनी-महाशक्ति के रूप में अनुभूत होकर स्वयं ही परमशिव को समर्पित हो रही हैं। एक दूसरे परिप्रेक्ष्य में साकार रूप में एकमात्र छवि वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण की ही समक्ष आती है, जिन के सिवाय कोई अन्य इस पूरी सृष्टि में है ही नहीं। पूरी सृष्टि उन में, और वे पूरी सृष्टि में समाहित हैं। अपने परम ज्योतिर्मय रूप में वे पद्मासन में बैठे हुये अपने स्वयं का ही ध्यान कर रहे हैं। उनका कूटस्थ-विग्रह -- अक्षर-ब्रह्म प्रणव, सर्वत्र गूंज रहा है। कूटस्थ सूर्य-मण्डल में वे ही परमपुरुष हैं, जिन के अतिरिक्त अन्य कोई है ही नहीं। कई बार लगता है कि भगवती महाकाली स्वयं ही साधना कर के उस का फल श्रीकृष्ण को अर्पित कर रही हैं।
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गुरुकृपा निश्चित रूप से फलीभूत हुई है, जिस के कारण आगे का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गुरु-रूप-ब्रह्म मुझ अकिंचन पर करुणावश अपनी परम कृपा कर के मेरा आत्म-समर्पण स्वीकार करें| ॐ तत्सत् !! ॐ गुरु !! जय गुरु !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
११ अप्रेल २०२१
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🌹🕉🌹 भारतीय नववर्ष मंगलमय व परम शुभ हो ---
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सूर्य की प्रथम किरण के साथ आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा वि.सं.२०७८ तदानुसार १३अप्रेल२०२१ को नव-संवतसर का आरंभ हो जाएगा। आज बासंतिक नवरात्रों का भी आरंभ घट-स्थापना के साथ होगा, जिस में नौ दिनों तक जगन्माता की आराधना -- महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती के रूप में होगी। नवरात्रों में भगवान श्रीराम और हनुमान जी की भी आराधना होती है। नौवें दिन तो श्रीरामनवमी है। यह नौ-दिवसीय आराधना-पर्व है।
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परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्तियाँ, आप सब को मेरा नमन ! आप सब का आशीर्वाद और कृपा, मुझ अकिंचन पर बनी रहे।
ॐ तत्सत् ! 🙏🕉🕉🕉🙏
कृपा शंकर
१३ अप्रेल २०२१