Sunday, 25 December 2016

स्वामी विवेकानंद का संकल्प दिवस ....

December 25, 2012.
 

आज स्वामी विवेकानंद के संकल्प दिवस पर मैं सभी मित्रों का अभिनन्दन करता हूँ| आज ही के दिन एक महान घटना हुई थी जिससे भारतवर्ष के पुनरोभ्युदय का सूत्रपात हुआ था|

२५ दिसंबर १८९२ का दिन था| स्वामी विवेकानंद भारत माता की तत्कालीन दशा से अत्यधिक क्षुब्ध और व्यथित थे| उन्हें बहुत पीड़ा हो रही थी| ईश्वर से बस यही जानना चाहते कि पुण्यभूमि भारत का पुनः उत्थान कैसे हो| उस समय वे तमिलनाडु के दक्षिणी छोर पर कन्याकुमारी में थे| अभीप्सा की प्रचंड अग्नि उनके ह्रदय में जल रही थी| उनसे और रहा नहीं गया और उन्होंने समुद्र में छलांग लगा ली और प्राणों की बाजी लगाकर उथल पुथल भरे समुद्र की लहरों में तैरते हुए दूर एक बड़े शिलाखंड पर चढ़ गए| उनके ह्रदय में बस एक ही भाव था कि भारत का उत्थान कैसे हो|
 

उस शिलाखंड पर तीन दिन और तीन रात वे समाधिस्थ रहे| उसके बाद उन्हें ईश्वर से मार्गदर्शन मिला और उनका कार्य आरम्भ हुआ|
 

उस समय भारत के लोगों में इतनी हीन भावना व्याप्त थी कि लोग कहते कि चाहे मुझे गधा कह दो पर हिंदू मत कहो| उन्होंने ही सबको गर्व से हिंदू कहना सिखाया| उन्हीं का प्रयास और भारत के मनीषियों का पुण्यप्रताप था कि आज हम गर्व से सिर ऊँचा कर के बैठे हैं|
 

आज फिर हमारे धर्म और राष्ट्र पर संकट के बादल छाये हुए हैं| उसकी रक्षा करने के लिये हमारे युवकों में वो ही उत्साह, तड़प और अभीप्सा चाहिए| ईश्वर से जुड़कर ही हम कुछ अच्छा कार्य कर सकते हैं| मैं सभी से प्रार्थना करता हूँ कि सनातन हिंदू धर्म की रक्षा के लिये ईश्वर को जीवन का केंद्र बिंदु बनाएँ| आगे का मार्ग ईश्वर स्वयं दिखाएँगे|
 

वंदे मातरम ! भारत माता की जय ! सनातन हिंदू धर्म की जय !