भारत का भविष्य -- हिन्दू, हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र ---
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भारत का उत्थान सूक्ष्मातिसूक्ष्म अदृश्य आध्यात्मिक दैवीय शक्तियों द्वारा ही होगा| वर्तमान कालचक्र ऊर्ध्वगामी है, अतः भारत अब और पददलित नहीं रह सकता| भारत अपने द्विगुणित परम वैभव को प्राप्त कर परम शक्तिशाली अखंड आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र होगा, जहाँ की राजनीति सनातन धर्म होगी| यह अति शीघ्र निकट भविष्य में ही होने वाला है|
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(१) हिन्दू कौन है? ----
जिस भी व्यक्ति के अन्तःकरण में परमात्मा के प्रति प्रेम और श्रद्धा-विश्वास है, जो आत्मा की शाश्वतता, पुनर्जन्म, कर्मफलों के सिद्धान्त, व ईश्वर के अवतारों में आस्था रखता है, वह हिन्दू है, चाहे वह विश्व के किसी भी भाग में रहता है, या उसकी राष्ट्रीयता कुछ भी है| हिन्दू माँ-बाप के घर जन्म लेने से ही कोई हिन्दू नहीं होता| हिन्दू होने के लिए किसी दीक्षा की आवश्यकता नहीं है| स्वयं के विचार ही हमें हिन्दू बनाते हैं| आध्यात्मिक रूप से हिन्दू वह है जो हिंसा से दूर है| मनुष्य का लोभ और अहंकार ही हिंसा के जनक हैं| लोभ, और अहंकार से मुक्ति ही परमधर्म "अहिंसा" है| जो इस हिंसा से दूर है वह हिन्दू है|
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(२) हिन्दू राष्ट्र क्या है ---
हिन्दू राष्ट्र एक विचारपूर्वक किया हुआ संकल्प और निजी मान्यता है| हिन्दू राष्ट्र ऐसे व्यक्तियों का एक समूह है जो स्वयं को हिन्दू मानते हैं, जिन की चेतना ऊर्ध्वमुखी है, जो निज जीवन में परमात्मा को व्यक्त करना चाहते हैं, चाहे वे विश्व में कहीं भी रहते हों|
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(३) भारत एक हिन्दू राष्ट्र है ----
क्योंकि यहाँ की संस्कृति हिन्दू है| संस्कृति वह होती है जिसका जन्म संस्कारों से होता है| भारत एक सांस्कृतिक इकाई है| "देश" और "राष्ट्र"..... इन दोनों में बहुत अधिक अन्तर है| "देश" एक भौगोलिक इकाई है, और "राष्ट्र" एक सांस्कृतिक इकाई| भारतीय संस्कृति कोई नाचने-गाने वालों की संस्कृति नहीं है, यह हर दृष्टि से महान आचरण व महान विचारों वाले व्यक्तियों की संस्कृति है|
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ॐ श्री परमात्मने नमः || ॐ तत्सत् ||
कृपा शंकर
८ जून २०२०