जीवन में कभी भी विपरीत परिस्थितियाँ और संकट काल अचानक ही आ सकते हैं, जिन में जीवित रहने हेतु भगवान की कृपा होना आवश्यक है। भगवान भी श्रद्धालुओं की ही रक्षा करते हैं, जो उन को अपना मन, बुद्धि, चित्त, और अहंकार समर्पित कर देते हैं। भगवान का भक्त कभी नष्ट नहीं होता --
Wednesday, 28 July 2021
भगवान का भक्त कभी नष्ट नहीं होता --
साधु, सावधान !! सामने नर्क-कुंड की अग्नि है ---
साधु, सावधान !! सामने नर्क-कुंड की अग्नि है ---
कोई बात समझ में नहीं आये तो उसे वहीं छोड़ दो ---
आध्यात्म में या धार्मिक क्षेत्र में, कोई बात समझ में नहीं आये, या जिसे समझना हमारी बौद्धिक क्षमता से परे हो, तो उसको वहीं छोड़ देना चाहिए। जितना और जो भी समझ में आ सके, वही ठीक, सर्वोचित और पर्याप्त है। हमें बोलना भी वही चाहिए जो सामने वाले के समझ में आ जाये। यह उपदेश मुझे देहरादून में स्वामी ज्ञानानन्द गिरि महाराज ने दिया था।
आत्माराम ---
मेरे उपास्य भगवान परमशिव को नमन ---
"राम" नाम कब और कैसे सुनाई देता है? :---
"राम" नाम कब और कैसे सुनाई देता है? :---
मन में बहुत अधिक भावों का आना भी एक भटकाव है ---
वर्तमान में जो हठयोग प्रचलित है, वह मुख्यतः नाथ संप्रदाय की देन है ---
आत्मज्ञान ही परम धर्म है ---
आत्मज्ञान ही परम धर्म है। यह जन्म हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए ही मिला है, इसे व्यर्थ करना परमात्मा के प्रति अपराध है। जब भगवान स्वयं समक्ष होते हैं, तब सारे धर्म-अधर्म, सिद्धान्त, उपदेश, कर्तव्य-अकर्तव्य, पाप-पुण्य -- सब तिरोहित हो जाते हैं। महत्व सिर्फ परमप्रेम और सत्यनिष्ठा का है, अन्य सब गौण है।
आप इसी जीवन में ईश्वर को प्राप्त करें, इसके अतिरिक्त मेरी रुचि अन्य किसी भी विषय में नहीं है ---
(१) भारत की एकमात्र समस्या और उसका समाधान क्या है?. (२) हमें भगवान की प्राप्ति क्यों नहीं होती?
प्रश्न (१): भारत की एकमात्र समस्या और उसका समाधान क्या है?
प्रश्न (२): हमें भगवान की प्राप्ति क्यों नहीं होती?
सज्जनों की रक्षा के लिए दुष्टों का नाश --- राजा का राजधर्म है ---
देश के शासक को समझौतावादी दृष्टिकोण छोड़ना ही होगा। देश के बहुसंख्यकों की हत्या पर मौन होकर देखते रहना केंद्र शासन का पाप है। मोदी सरकार दण्डनीति का प्रयोग करे। पता नहीं केंद्र सरकार भयभीत क्यों है।