जहाँ आसुरी शक्तियाँ अपना तांडव कर रही है, वहीं समय के साथ बदली हुई परिस्थितियों में अब एक समय ऐसा भी आ गया है कि धीरे धीरे मनुष्य की चेतना ऊर्ध्वमुखी हो रही है| धीरे धीरे पूरे विश्व में जागरूक क्रिश्चियन मतावलंबी यानि जीसस क्राइस्ट के अनुयायी स्वेच्छा से सनातन धर्म का अनुसरण आरंभ कर देंगे| पश्चिमी जगत में करोड़ों लोग नित्य नियमित ध्यान साधना और प्राणायाम करने लगे हैं| लाखों लोग नित्य नियमित रूप से गीता का स्वाध्याय करते हैं| "कूटस्थ चैतन्य" या "श्रीकृष्ण चैतन्य" शब्द को "Christ Consciousness" के रूप में कहना बहुत लोकप्रिय हो रहा है| वास्तव में Christ किसी का नाम नहीं है, Christ का अर्थ है ...."अभिषेक", जिसका अभिषेक हुआ हो (anointed one)|
Friday, 20 December 2024
धीरे धीरे मनुष्य की चेतना ऊर्ध्वमुखी हो रही है ---
जब हमारे अस्तित्व और अस्मिता पर ही मर्मांतक प्रहार हो रहे हैं तब हम सब अपनी सारी आध्यात्मिक साधनायें देश और धर्म की रक्षा के लिए ही करें ---
वर्तमान परिस्थितियों में जब हमारे अस्तित्व और अस्मिता पर ही मर्मांतक प्रहार हो रहे हैं तब हम सब अपनी सारी आध्यात्मिक साधनायें देश और धर्म की रक्षा के लिए ही करें| देश रहेगा तभी हम रहेंगे| देश ही नहीं रहा तो न तो हमारा धर्म रहेगा, न हमारा समाज, सब कुछ नष्ट हो जाएगा| भारत ही सनातन धर्म है, और सनातन धर्म ही भारत है| जीवन में अपना सर्वश्रेष्ठ करें और परमात्मा की चेतना में रहें| फिर जो भी होगा वह मंगलमय ही होगा| भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, साक्षात माता है|
क्रिसमस का त्योहार और सांता क्लॉज़ ---
क्रिसमस का त्योहार और सांता क्लॉज़ ---
जब प्यास लगती है तब स्वयं को ही पानी पीना पड़ेगा ---
जब प्यास लगती है तब स्वयं को ही पानी पीना पड़ेगा। दूसरों का पीया हुआ पानी हमारी प्यास नहीं बुझा सकता। भगवान को पाने की प्यास लगती है तब स्वयं को ही भक्ति करनी होगी। दूसरों की भक्ति हमें सिर्फ प्रेरणा दे सकती है, और कुछ नहीं। भगवान की भक्ति हम अपनी अंतरात्मा से करेंगे तो उनसे कोई वियोग नहीं हो सकता।
लोक मर्यादा के अनुसार क्रिसमस की मंगलमय शुभ कामनाएँ ----
लोक मर्यादा के अनुसार क्रिसमस की मंगलमय शुभ कामनाएँ !! सत्य को जानने की अभीप्सा सभी के हृदयों में जागृत हो। सत्य ही परमात्मा है। भगवान सत्यनारायण हैं।