एक महान चमत्कार ....
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कहते हैं संतों के पैर जहाँ भी पड़ते हैं वहाँ चमत्कार ही चमत्कार होते हैं| वह भूमि भी धन्य हो जाती है जहाँ उनके पैर पड़ते हैं| कुछ ऐसा ही चमत्कार मैं पिछले चार-पाँच दिन से देख रहा हूँ|
मैं जहाँ रहता हूँ, उस मोहल्ले में सारे लोग उच्च शिक्षित और समर्थवान हैं| शत-प्रतिशत महिलाऐं भी उच्च शिक्षित हैं| कहीं भी कोई अनपढ़ महिला नहीं मिलेगी| कोई निर्धन भी नहीं है|
पर लगभग सारे लोग अति भौतिकवादी और आधुनिक विचारों के हैं जहाँ आध्यात्म और भक्ति की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता| मैं प्रभु से प्रार्थना किया करता था कि यहाँ सब में धर्म की चेतना जागृत हो, पर कुछ भी नहीं हो रहा था| अंततः भगवान ने सुन ही ली|
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कहते हैं संतों के पैर जहाँ भी पड़ते हैं वहाँ चमत्कार ही चमत्कार होते हैं| वह भूमि भी धन्य हो जाती है जहाँ उनके पैर पड़ते हैं| कुछ ऐसा ही चमत्कार मैं पिछले चार-पाँच दिन से देख रहा हूँ|
मैं जहाँ रहता हूँ, उस मोहल्ले में सारे लोग उच्च शिक्षित और समर्थवान हैं| शत-प्रतिशत महिलाऐं भी उच्च शिक्षित हैं| कहीं भी कोई अनपढ़ महिला नहीं मिलेगी| कोई निर्धन भी नहीं है|
पर लगभग सारे लोग अति भौतिकवादी और आधुनिक विचारों के हैं जहाँ आध्यात्म और भक्ति की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता| मैं प्रभु से प्रार्थना किया करता था कि यहाँ सब में धर्म की चेतना जागृत हो, पर कुछ भी नहीं हो रहा था| अंततः भगवान ने सुन ही ली|
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हमारे सौभाग्य से पाँच दिनों पूर्व एक विरक्त संत हरिशरण जी महाराज मेरे घर के सामने वाली पंक्ति के ही दो घर छोड़कर एक घर में आकर ठहरे और उन्होंने अपने साक्षात मूर्तिमान परम प्रेममय व्यक्तित्व से पूरे मोहल्ले को ही प्रभुप्रेममय बना दिया है| अब स्थिति यह है कि पच्चीस-तीस महिलाएं, दस-बारह पुरुष और अनेक बालक प्रातःकाल पाँच बजे एकत्र होकर संस्कृत में गीता पाठ करते हैं और मोहल्ले में हरिनाम संकीर्तन करते हुए प्रभात फेरी निकालते हैं| यह चेतना इन संत पुरुष के आने के एक दिन पश्चात ही आरम्भ हो गयी| प्रेतभाषा अंग्रेजी को छोडकर ये उच्च शिक्षित महिलाऐं अब आपस में राधे राधे बोलकर ही अभिवादन करती हैं| पता नहीं इनके किस जन्म के संस्कार जागृत हो गए कि सब भगवान की भक्त हो गयी हैं|
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इन महात्मा जी की हमारे नगर पर अत्यंत कृपा रही है| इनकी प्रेरणा से नगर में दो अन्य स्थानों से भी हरिनाम संकीर्तन करते हुए प्रभात फेरियाँ निकलती हैं जिनमें बहुत अच्छी संख्या रहती हैं| गीता, भागवत और रामायण की अनेक कथाएँ भी समय समय पर होने लगी हैं| भक्तिभाव बहुत अधिक बढ़ा है|
इन महात्मा जी की हमारे नगर पर अत्यंत कृपा रही है| इनकी प्रेरणा से नगर में दो अन्य स्थानों से भी हरिनाम संकीर्तन करते हुए प्रभात फेरियाँ निकलती हैं जिनमें बहुत अच्छी संख्या रहती हैं| गीता, भागवत और रामायण की अनेक कथाएँ भी समय समय पर होने लगी हैं| भक्तिभाव बहुत अधिक बढ़ा है|
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