Saturday, 5 November 2016

मिथिलेश द्विवेदी जी को श्रद्धांजली ......

....श्रद्धांजली ....
समझ में नहीं आ रहा क्या लिखूँ .....
अति दुखद समाचार ..........
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मुझे यह लिखते हुए अत्यंत खेद हो रहा है कि हमारे अति प्रिय शुभचिन्तक मित्र, ऋषितुल्य, संत ह्रदय, परम विद्वान्, प्रखर साधक, प्रख्यात लेखक, विचारक व पत्रकार माननीय श्री मिथिलेश द्विवेदी जी हमें छोड़कर शिवलोक गमन कर गए हैं|
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उनसे मित्रता होना मैं जीवन की एक उपलब्धि मानता हूँ|
मुझे कभी भी कोई भी आध्यात्मिक या दार्शनिक जिज्ञासा या शंका होती तो वे तुरंत उसका समाधान कर देते थे| माँ भगवती सरस्वती की उनपर अपार कृपा थी| अनेक आध्यात्मिक व धार्मिक विषयों पर उनसे बहुत अविस्मरणीय चर्चाएँ होती रहती थीं|
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उन्होंने कुछ समय पूर्व ही "मो राम मामुद्धर राम चरितामृत" नामक ग्रन्थ की रचना की थी| अभी भगवान श्रीकृष्ण पर भी एक ग्रन्थ की रचना करने वाले थे|
अभी उनकी एक स्मृति ही रह गयी है|
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यह दुनिया एक चलाचली का मेला है| जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होती है| जीवन क्षणभंगुर है| किसकी कौनसी सांस अंतिम होगी, कुछ कह नहीं सकते| जो आया है वह जाएगा भी|
पर कुछ प्रकाशपुंज ऐसे होते हैं जिनके चले जाने के बाद भी उनकी आभा लम्बे समय तक बनी रहती है| मिथिलेश जी भी एक ऐसे ही प्रकाशपुंज थे|
.उनको मेरी श्रद्धांजली| उनकी कीर्ति अमर रहे| हर हर महादेव|

05 नवम्बर 2015

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