Monday, 13 October 2025

भारत में अगर चीनी सामान इतना अधिक बिकता है तो इसके लिए भारत के उद्योगपति जिम्मेदार हैं ---

 भारत में अगर चीनी सामान इतना अधिक बिकता है तो इसके लिए भारत के उद्योगपति जिम्मेदार हैं|

भारत के उद्योगपति कई आवश्यक सामानों का उत्पादन नहीं करते और चीन से आयात कर के उनका विक्रय करते हैं| उत्पादन के लिए कारखाने लगाने पड़ते हैं, मजदूरों को नौकरी देनी पड़ती है, हिसाब-किताब करना पड़ता है जिसके लिए और लोगों को नौकरी देनी पड़ती है, आदि आदि| इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्प्यूटरों के स्पेयर पार्ट्स लिए हम पूरी तरह चीन पर निर्भर हैं|
जापानी कम्पनियाँ जापान में मजदूरी मंहगी होने के कारण अपने उत्पादनों की असेंबली चीन में करवाती है|
भारत के भी कई उद्योगपति अपना उत्पादन चीन में करवाते हैं|
अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के कारण हम किसी देश के उत्पादनों पर पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते|
भारत के उद्योगपति बहुत अधिक मुनाफाखोर हैं| जो चीनी सामान पचास रुपये में मिल जाता है उसके भारत में उत्पादन में वे पाँचसौ रुपये बसूलेंगे|
तकनीक बहुत तेजी से बदलती है, पुराने कारखानों का नवीनीकरण करना पड़ता है, इतना धैर्य भारत के उद्योगपतियों में नहीं है| वे चीन से बना बनाया सामान आयात करने में अधिक विश्वास करते हैं|
भारत में मजदूर भी आसानी से नहीं मिलते| यहाँ रुपया तो सब चाहते हैं पर काम कोई नहीं करना चाहता|
ऐसे कई कारण और सरकारी नीतियाँ आदि सब जिम्मेदार हैं, चीनी सामान पर निर्भरता के लिए|
हाँ हम छोटे-मोटे सामान जैसे दीये, सजावटी लाइट्स, खिलौने, कपडे, छतरी, और बने बनाए मोबाइल सेट आदि का बहिष्कार कर सकते हैं|
पूरी तरह का बहिष्कार संभव नहीं है|
१४ अक्तुबर २०१६

हादी-कादी विद्या

लेखक : श्री नरेन्द्रभाई पाण्ड्या (राजकोट)। Dated १४ अक्तूबर २०१४ . श्री विद्या का सार श्री सुक्त है ।
श्री सुक्त का सार हादी और कादी विद्या है।
कादी विद्या अगत्स्य मुनिको दी गयी और उससे सुख की प्राप्ति होती है।
हादी विद्या अगत्स्य मुनिकी पत्नी लोपामुद्रा को दी गई जिससे आत्मोन्नति होती है।
कहा जाता है कि हादी और कादी दोनों की शक्तियां गायत्री से तीन तीन गुना ज्यादा है।
कादी मंत्र :- क ए ई ल ह्रीं, ह स क ह ल ह्रीं, स क ल ह्रीं ।
हादी मंत्र:- ह स क ल ह्रीं, ह स क ह ल ह्रीं, स क ल ह्रीं ।
जब दोनों को साथ में जोड़ दे तो हादी कादी दोनों के लाभ मिलते हैं और कई गुना ज्यादा और जल्दी भी यानी सुख और आत्मोन्नति एक साथ!!
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अन्तमें "श्रीं "जोड़ने से उसकी शक्ति और भी बढ़ जाती है।ये मंत्र ऐसा होता है :-
" ॐ क ए ई ल ह्रीं, ह स क ल ह्रीं, ह स क ह ल ह्रीं, स क ल ह्रीं श्रीं ॐ।
Above Mantra in English
"Aum ka ae ee la hrim,
ha sa ka la hrim,
ha sa ka ha la hrim,
sa ka la hrim sri aum."
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जब गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत सिद्धि योग होता है उस दिन ज्यादा से ज्यादा लोग इस मंत्र का लाभ उठाये ये मेरी मनोकामना, प्रार्थना है। आप खुद प्रभाव देख सकेंगे।
ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी शेयर करें।