Wednesday 30 March 2022
आत्म-तत्व में स्थिति -- भगवान की प्राप्ति है ---
यह हमारी नहीं, भगवान की समस्या है कि वे कब हमें दर्शन दें ---
देवता हमारा कल्याण क्यों नहीं करते? ---
प्रश्न :----- देवता हमारा कल्याण क्यों नहीं करते?
Sunday 27 March 2022
अब भगवान को क्या चढ़ाऊँ? क्या समर्पित करूँ?
अब भगवान को क्या चढ़ाऊँ? क्या समर्पित करूँ?
Saturday 26 March 2022
हमारी रक्षा हमारा धर्म ही करेगा ---
समाजवाद, मार्क्सवाद, गांधीवाद, सेकुलरवाद, पूंजीवाद आदि फालतू अनुपयोगी सिद्धान्त हमें पढ़ाये जाते हैं, लेकिन सनातन-धर्म (जो हमारा प्राण है), की अपरा-विद्या व परा-विद्या के सार्वभौम नियमों के बारे में कुछ भी नहीं पढ़ाया जाता| राजनीति राष्ट्र की सेवा का एक साधन है, कोई व्यवसाय नहीं|
Thursday 24 March 2022
जब तक कर्मों के सारे बंधन न कट जाएँ, तब तक मुक्ति संभव नहीं है ---
लगभग ४५ वर्ष पूर्व मुझे एक सिद्ध महात्मा ने कहा था कि मेरे सारे आध्यात्मिक संकल्प-विकल्प, आकांक्षाएँ, और भागदौड़ व्यर्थ हैं, जिनका तब तक कोई लाभ नहीं है, जब तक कर्मों के सारे बंधन न कट जाएँ| उन्होने यह भी कहा कि एक एकांत कक्ष की व्यवस्था कर लो और वहाँ एकांत में शिव का ध्यान करो, जिन की कृपा से सारे कर्मफलों से मुक्त होकर जीवनमुक्त हो जाओगे| काश! उनकी बात मैं ठीक से समझ पाता| मेरा उनसे बहुत लंबा वार्तालाप हुआ था| जो भी प्रश्न मेरे मन में आते, बिना पूछे ही उनका उत्तर वे तुरंत दे देते|
Wednesday 23 March 2022
आनंदमय होना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ---
Sunday 20 March 2022
बंद आँखों के अंधकार के पीछे क्या है? (२)
Wednesday 2 March 2022
स्वयं का आंकलन कर लेना चाहिए कि हम कहाँ खड़े हैं ---
आजकल का जैसा खराब समय चल रहा है, उसमें हमें एक बार बड़े ध्यान से गीता के १६वें अध्याय "देव असुर संपदा विभाग योग" का स्वाध्याय कर के स्वयं का आंकलन कर लेना चाहिए कि हम कहाँ खड़े हैं। उसके बाद गीता में से ही अन्यत्र ढूंढ़ कर स्वयं के उद्धार का उपाय भी करना चाहिए। भगवान को सदा अपने हृदय में रखें। निकट भविष्य में ही आने वाले बहुत अधिक कठिन समय में हमारी रक्षा निश्चित रूप से होगी। सिर्फ भगवान ही हमारी रक्षा कर सकते हैं।
अब किस से, किस की, और क्या शिकायत करूँ? ---
अब किस से, किस की, और क्या शिकायत करूँ?