Thursday, 27 February 2025

हमारे निज जीवन में परमात्मा की पूर्ण अभिव्यक्ति हो ---

 (१) हमारे निज जीवन में परमात्मा की पूर्ण अभिव्यक्ति हो।

(२) सनातन-धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा और वैश्वीकरण हो।
(३) भारत में व्याप्त असत्य के अंधकार का पूरी तरह पराभव हो, और भारत एक सत्यनिष्ठ, धर्मसापेक्ष, अखंड हिन्दू-राष्ट्र बने, जहाँ की राजनीति सत्य-सनातन-धर्म हो।
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हिन्दुत्व क्या है? -- हिन्दुत्व एक ऊर्ध्वमुखी चेतना है जिसका लक्ष्य जीवन में भगवत्-प्राप्ति है। वह प्रत्येक व्यक्ति हिन्दू है जिसके हृदय में भगवान के प्रति परमप्रेम है, जिसका आचरण सत्यनिष्ठ है और जो निज जीवन में भगवान को प्राप्त करना चाहता है; चाहे वह इस पृथ्वी पर कहीं भी रहता हो। आत्मा की शाश्वतता, कर्मफल, पुनर्जन्म, भक्ति, आध्यात्म और ईश्वर की उपासना -- ये ही सनातन सिद्धान्त हैं, जिनसे यह सृष्टि चल रही है।
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इन्हीं उद्देश्यों के लिए हमारी आध्यात्मिक साधना है, जिसके लिए परमात्मा से पूरा मार्गदर्शन प्राप्त है। इसके अतिरिक्त मुझ अभी तो इस समय और कुछ भी नहीं कहना है।
ॐ स्वस्ति !! ॐ तत्सत् !!
२५ सितंबर २०२१ . पुनश्च: --- सभी प्रबुद्ध लोगों से एक प्रार्थना है कि हिन्दुत्व को एक सीमित भौगोलिकता में परिभाषित न कर, इसे सार्वभौमिक बनाएँ। आत्मा की शाश्वतता, कर्मफलों का सिद्धांत, पुनर्जन्म, और ईश्वर के अवतारों में आस्था ---- ये सनातन धर्म के आधार हैं। जो भी व्यक्ति इन्हें मानता है, वह स्वतः ही हिन्दू है चाहे वह इस पृथ्वी के किसी भी भाग पर रहता हो। मनु-स्मृति में धर्म के दस लक्षण दिए हैं। उनका विलोम ही अधर्म है।