Friday, 6 September 2024
"जो व्यक्ति परमात्मा को पूर्णतः समर्पित हो जाता है, उसका कोई लौकिक कर्तव्य बाकी नहीं रहता, वह कृतकृत्य और कृतार्थ है" ---
हमारा सबसे बड़ा शत्रु और सबसे बड़ा मित्र कौन है? ---
हमारा सबसे बड़ा शत्रु और सबसे बड़ा मित्र कौन है?
श्रीराधा कृष्ण कौन हैं ?
(१) जिन्होंने इस सम्पूर्ण सृष्टि को धारण कर रखा है, उस परा शक्ति का नाम श्रीराधा है। उनके संकल्प से सारी सृष्टि संचालित है। वे घनीभूत प्राण-तत्व के रूप में अनुभूत होती हैं। पूरे ब्रह्मांड में वे सारी सृष्टि की प्राण हैं।
लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग न्यूनतम करूंगा। ये सब रामभक्ति में बाधक हैं ---
अब इसी क्षण से लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग न्यूनतम। ये सब रामभक्ति में बाधक हैं। भगवान से संवाद हेतु इनकी आवश्यकता नहीं है।
"आप का न जन्म हो सकता है और न मृत्यु" / मेरी आयु अनंत (Infinity) है ---
"आप का न जन्म हो सकता है और न मृत्यु"
मेरा स्वधर्म --
मेरा स्वधर्म -- एक ही है, और वह है निमित्त मात्र रहते हुए निरंतर परमात्मा का स्मरण, चिंतन, मनन, निदिध्यासन और निज चैतन्य में उनकी सतत् अभिव्यक्ति। वे ही कर्ता हैं और वे ही भोक्ता हैं। मैं केवल साक्षी मात्र हूँ, वास्तव में साक्षी भी वे ही हैं; मेरा कोई पृथक अस्तित्व नहीं है। मेरा धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य, स्वर्ग-नर्क, कष्ट और आनंद सब कुछ यही है, इससे अतिरिक्त मैं अन्य कुछ भी नहीं जानता हूँ; और जानना भी नहीं चाहता।
समर्पण ---
सभी आचार्यों से करबद्ध निवेदन है कि मुझ अकिंचन को हर समय अपना आशीर्वाद प्रदान कर कृतार्थ करते रहें ---
किसी समय मेरे हृदय में अभीप्सा और विवेक की एक प्रचंड अग्नि हर समय प्रज्ज्वलित रहती थी, जो समय के साथ मंद पड़ती पड़ती बुझ गई। जब तक वह अग्नि अपने उष्णतम स्वरूप में प्रज्ज्वलित थी, मैं आनंद में था। उस अग्नि की दाहकता के समाप्त होते ही वह आनंद भी समाप्त हो गया।
गणेश चतुर्थी (2024)
गणेश चतुर्थी ---