आज प्रारब्धवश जीवन में एक नया संकल्प और एक नया मोड़ आ चुका है, जो मेरी नियति में था। यह होना ही था। आज से जीवन पूर्णतः परमात्मा को समर्पित है। कोई किन्तु-परंतु नहीं, कोई पूर्वाग्रह या पूर्व शर्त नहीं। मेरे व्यक्तित्व में जो कमियाँ थीं और हैं, वे पूर्व जन्मों से हैं। वे भी धीरे धीरे दूर हो जायेंगी। किसी से मेरी कोई अपेक्षा, शिकायत, आलोचना व निंदा का विषय नहीं है। जहाँ तक आध्यात्मिक साधनाओं की बात है, मेरे चिंतन में और विचारों में बिल्कुल स्पष्टता है। किसी भी प्रकार का कणमात्र भी कोई संशय नहीं है। किसी भी प्रकार के आध्यात्मिक मार्गदर्शन की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है। पूर्व जन्म की कुछ कुछ स्मृतियाँ कभी कभी आ जाती हैं, और सूक्ष्म जगत से पूर्व-जन्मों के मेरे गुरु अभी भी मेरा मार्गदर्शन, रक्षा और सहायता कर रहे हैं।
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मैंने जो लेख लिखे थे, उनमें जो भी नकारात्मकता है उन्हें मैं धीरे धीरे हटा दूंगा। कोई नया लेख नहीं लिखूंगा। आवश्यकता हुई तो किसी पुराने लेख को संशोधित कर के पुनःप्रस्तुत कर दूंगा। किसी के प्रति मेरी ओर से कोई भी किसी भी तरह का प्रज्ञा-अपराध हुआ है तो मैं उसके लिए क्षमा याचना करता हूँ। आप सब में हृदयस्थ परमात्मा को नमन॥
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
५ सितंबर २०२४
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पुनश्च: ----- मैं कोई नया मित्रत्ता अनुरोध (Friend Request) स्वीकार नहीं करूंगा। पुराने मित्रों में भी उन्हीं को रखूँगा जिनके विचारों का स्तर अच्छा है। अन्यों को धीरे धीरे क्षमा-याचना करते हुए हटा दूंगा।
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