बिना जनसंख्या-नियंत्रण के रोजगार सृजन कैसे होंगे ?
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आजकल के नवयुवकों में और सामान्य लोगों में विरोधी दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि वर्त्तमान सरकार नवयुवकों / नवयुवतियों को रोजगार देने में विफल रही है, और जब उनकी सरकार बनेगी तब वे सभी को रोजगार देंगे| यह एक दुष्प्रचार मात्र ही है| क्या वे यह स्पष्ट करेंगे कि इतने रोजगारों का सृजन कैसे होगा?
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बेरोजगारी का कारण है बढ़ी हुई जनसंख्या है जिस पर भारत की वर्त्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में नियंत्रण असम्भव है| जनसंख्या पर नियंत्रण सिर्फ चीन ही कर पाया है और वह भी बन्दूक की नोक पर| वहाँ एक तानाशाही सरकार है अतः वहाँ यह संभव हो पाया| भारत में यह संभव नहीं है|
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चीन में मेरा परिचय कई ऐसे सभ्रांत समृद्ध लोगों से भी हुआ था जिन के दो दो बच्चे थे| पर उन लोगों को किसी भी तरह की कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती थी| वे अधिकतर ऐसे व्यापारी थे जिनका व्यापार विदेशों में भी था| सिर्फ उन्हें ही दो बच्चे पैदा करने की छूट थी, बाकि सब को सिर्फ एक ही बालक पैदा करने की अनुमति थी|
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आजकल के नवयुवकों में और सामान्य लोगों में विरोधी दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि वर्त्तमान सरकार नवयुवकों / नवयुवतियों को रोजगार देने में विफल रही है, और जब उनकी सरकार बनेगी तब वे सभी को रोजगार देंगे| यह एक दुष्प्रचार मात्र ही है| क्या वे यह स्पष्ट करेंगे कि इतने रोजगारों का सृजन कैसे होगा?
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बेरोजगारी का कारण है बढ़ी हुई जनसंख्या है जिस पर भारत की वर्त्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में नियंत्रण असम्भव है| जनसंख्या पर नियंत्रण सिर्फ चीन ही कर पाया है और वह भी बन्दूक की नोक पर| वहाँ एक तानाशाही सरकार है अतः वहाँ यह संभव हो पाया| भारत में यह संभव नहीं है|
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चीन में मेरा परिचय कई ऐसे सभ्रांत समृद्ध लोगों से भी हुआ था जिन के दो दो बच्चे थे| पर उन लोगों को किसी भी तरह की कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती थी| वे अधिकतर ऐसे व्यापारी थे जिनका व्यापार विदेशों में भी था| सिर्फ उन्हें ही दो बच्चे पैदा करने की छूट थी, बाकि सब को सिर्फ एक ही बालक पैदा करने की अनुमति थी|