Tuesday 30 April 2019

भारत का भविष्य ज्योतिर्मय है ....

भारत का भविष्य ज्योतिर्मय है ....
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भारत का भविष्य ज्योतिर्मय है क्योंकि भारत की रक्षा अनेक दिव्य दैवीय देही व जीवनमुक्त महान आत्माएँ कर रही हैं| जैसे व्यक्ति के कर्मफ़ल होते हैं, वैसे ही राष्ट्र के भी सामूहिक कर्मफल होते हैं, जिन्हें भोगना ही पड़ता है| भारत भी अपने नकारात्मक कर्मफल ही भोग रहा था| अब भारत का अपना वास्तविक निर्धारित कार्य अभी बाकी है| भारत का वास्तविक भावी कार्य होगा .... "धर्म की पुनर्स्थापना|" 
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भारत कभी विफल नहीं होगा, भारत अपना कार्य करेगा| आसुरी शक्तियाँ पराभूत होंगी, उनका प्रभाव कम होगा, और सत्य की विजय होगी| मुझे इस विषय पर कोई चिंता नहीं है| मैं अपना समय जगन्माता की सेवा में अन्यत्र लगाऊंगा|
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ॐ तत्सत ! जय श्रीहरिः ! महादेव महादेव महादेव |
कृपा शंकर
२७ अप्रेल २०१९
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पुनश्चः :.... जो इस दैवीय कार्य में सहयोग करेंगे वे ही जीवित रहेंगे| अन्यों की आवश्यकता प्रकृति को नहीं रहेगी|

1 comment:

  1. एक दुर्धर्ष आध्यात्मिक शक्ति ने भारत के पुनरोत्थान का कार्य अपने हाथों में ले लिया है.

    भारत का भविष्य परम ज्योतिर्मय है. हम अपने स्वधर्म का पालन करें.
    "नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते| स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्||२:४०||
    इसमें क्रमनाश और प्रत्यवाय दोष नहीं है| इस धर्म (योग) का अल्प अभ्यास भी महान् भय से रक्षण करता है||

    धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः| तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् || (मनुस्मृति)
    जो मनुष्य धर्म की हत्या करता है, धर्म उसका नाश करता है। इसलिये धर्म की रक्षा करना चाहिए ताकि हमारी रक्षा हो सके।

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