बड़ी कुटिलता से भारत में हिंदुओं को धर्म-निरपेक्षता के नाम पर द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया गया है|
Friday, 21 November 2025
बड़ी कुटिलता से भारत में हिंदुओं को धर्म-निरपेक्षता के नाम पर द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया गया है|
अंडमान के संरक्षित नार्थ सेंटिनल द्वीप पर जाने की अनुमति एक विदेशी पादरी को किसने दी ?
अंडमान के संरक्षित नार्थ सेंटिनल द्वीप पर जाने की अनुमति एक विदेशी पादरी को किसने दी? किस के आदेश से वहाँ हेलिकोप्टर गया? यह एक आपराधिक कृत्य था जिसके लिए दोषी को सजा मिलनी चाहिए| यह द्वीप संरक्षित द्वीप है जिस के आसपास जाने की किसी को भी अनुमति नहीं है| भारत सरकार के एक वैज्ञानिक अनुसंधान जहाज द्वारा इस द्वीप के आसपास के भौगोलिक क्षेत्र में चालीस वर्ष पूर्व १९७८ में एक वैज्ञानिक भूगर्भीय सर्वे हुआ था| मैं भी उस जहाज पर था| वहां के निवासियों को दूरबीन से देखा था| वे नग्न रहते हैं, कोई कपड़ा नहीं पहिनते हैं| किसी भी बाहरी व्यक्ति को वहां नहीं आने देते, और स्वयं भी कहीं नहीं जाते| बाहर के विश्व से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है| वे लोग अभी भी पाषाण युग में रहते हैं| कोई उनकी बोली भी नहीं समझता| भारत सरकार ने उसे संरक्षित क्षेत्र घोषित कर रखा है, किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं है| अतः इस विदेशी पादरी की हिम्मत कैसे हुई अवैध रूप से वहाँ जाने की? किस ने उसको बचाने के लिए हेलिकोप्टर वहां भेजा? यह वहाँ चर्च के प्रभाव को दिखाता है|
“धार्याति सा धर्म:” ... धारण करने योग्य आचरण ही धर्म है ---
“धार्याति सा धर्म:” ... धारण करने योग्य आचरण ही धर्म है| धर्म कभी भय और प्रलोभन पर आधारित नहीं होता| जहाँ सिर्फ भय और प्रलोभन है, वह धर्म नहीं, अधर्म है| भय या प्रलोभन के वशीभूत होकर किए गए कर्म कभी धार्मिक नहीं हो सकते, वे अधार्मिक ही होंगे| भारत में धर्म की व्याख्या अनेक ग्रन्थों में की गई है, लेकिन कणाद ऋषि द्वारा वैशेषिक सूत्रों में की गई परिभाषा ही सर्वमान्य और सर्वाधिक लोकप्रिय है ... "यतोऽभ्युदयनिःश्रेयससिद्धि: स धर्म:||"