पंडित लक्ष्मणाचार्य जी ने अपने ग्रंथ "श्री नमः रामनायनम" में एक भजन लिखा था जो इस प्रकार था ---
"रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।।
सुंदर विग्रह मेघाश्याम। गंगा तुलसी शालीग्राम।।
भद्रगिरीश्वर सीताराम। भक्त-जनप्रिय सीताराम।।
जानकीरमणा सीताराम। जय जय राघव सीताराम।।"
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उपरोक्त भजन को पूर्व बेरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधीजी ने बदल कर यह रूप दे दिया --
"रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम। सब को सन्मति दे भगवान।।"
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सन १९४८ में एक फिल्म आयी थी - "श्री राम भक्त हनुमान"| उस फिल्म में भी इस भजन का मूल स्वरुप उपलब्ध है| ये पंक्तियाँ सिर्फ सत्य का बोध कराने के लिए हैं| सत्य के पुजारी गांधीजी का मैं पूर्ण सम्मान करता हूँ| यहाँ वे चूक गए और एक असत्य को सत्य बना दिया|
२६ फरवरी २०२१