अंग्रेजों ने भारतीय सभ्यता को नष्ट करने के लिये ....
(१) भारतीय शिक्षा पद्धति यानि गुरुकुल प्रणाली और
(२) भारतीय कृषि व्यवस्था को समाप्त कर दिया|
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Indian Education Act बनाकर सारे गुरुकुलों पर प्रतिबन्ध लगा दिया, ब्राह्मणों के सारे ग्रन्थ छीन कर जला दिए, गुरुकुलों को आग लगा कर नष्ट कर दिया, और ब्राहमणों को इतना दरिद्र बना दिया गया कि वे अपनी संतानों को पढ़ाने में भी असमर्थ हो गये| सिर्फ वे ही ग्रन्थ मूल रूप से सुरक्षित रहे जिनको ब्राह्मणों ने रट कर याद कर रखा था| ग्रंथों को प्रक्षिप्त यानी इस तरह विकृत कर दिया गया जिस से भारतीयों में ब्राह्मण विरोध की भावना और हीनता व्याप्त हो जाए| ब्राह्मणों के अत्याचार की झूठी कहानियाँ गढ़ी गयी और ब्राह्मणों की संस्था को नष्ट प्राय कर दिया| भारत पर आर्य आक्रमण का झूठा और कपोल-कल्पित इतिहास थोपा गया| भारत के हर गाँव में एक न एक गुरुकुल होता था जहाँ ब्राह्मण वर्ग अपना धर्म मान कर निःशुल्क विद्यादान करता था| उसका खर्च समाज चलाता था| वे सारे गुरुकुल बंद कर दिए गए|
भारत से जाते हुए भी अँगरेज़ भारत की सत्ता अपने मानसपुत्रों को सौंप गए जिन्होनें भारत को नष्ट करने की रही सही कसर भी पूरी कर दी|
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भारत में गायों की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक थी| हर गाँव में गोचर भूमियाँ थीं| सर्वप्रथम तो एक विशाल पैमाने पर गौ हत्या शुरू की गई| सबसे पहला क़साईख़ाना सन १७६० ई.में आरम्भ किया गया| फिर हज़ारों कसाईखाने खोले गए| अंग्रेजी राज में प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ गायों की ह्त्या होने लगी थी| खाद के रूप में प्रयुक्त होने वाले गोबर के अभाव में भूमि बंजर होने लगी|
फिर जहाँ जहाँ उपजाऊ भूमि थी वहां के किसानों को बन्दूक की नोक पर नील की खेती करने को बाध्य किया जाने लगा जिस से भूमि की उर्वरता बिलकुल ही समाप्त हो गयी|
लगान वसूली के लिए इंग्लैंड के सारे गुंडों-बदमाशों को भारत में कलेक्टर नियुक्त कर दिया जो घोड़े पर बैठकर हर गाँव में हर खेत में जाते और बड़ी निर्दयता से लगान बसूलते| किसानों पर तरह तरह के कर लगा कर उन्हें निर्धन बना दिया गया| अपने खाश खाश लोगों को जमींदार बना कर जमींदारी प्रथा आरम्भ कर अंग्रेजों ने भारत के किसानों पर बहुत अधिक अत्याचार करवाए|
सबसे अधिक अत्याचार बंगाल में हुए जहाँ कृत्रिम अकाल उत्पन्न कर के करोड़ों लोगों को भूख से मरने के लिए बाध्य कर दिया गया| नेपाल की तराई के के क्षेत्रों में भूमि बहुत अधिक उपजाऊ थी जिस पर नील की खेती करा कर भूमि को बंजर बना दिया गया| भारत अभी तक कृषि के क्षेत्र में उबर नहीं पाया है|
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देखिये अब आगे और क्या होता है| भगवान से प्रार्थना करते हैं की जो भी हो वह अच्छा ही हो|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२४ मार्च २०१३
(१) भारतीय शिक्षा पद्धति यानि गुरुकुल प्रणाली और
(२) भारतीय कृषि व्यवस्था को समाप्त कर दिया|
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Indian Education Act बनाकर सारे गुरुकुलों पर प्रतिबन्ध लगा दिया, ब्राह्मणों के सारे ग्रन्थ छीन कर जला दिए, गुरुकुलों को आग लगा कर नष्ट कर दिया, और ब्राहमणों को इतना दरिद्र बना दिया गया कि वे अपनी संतानों को पढ़ाने में भी असमर्थ हो गये| सिर्फ वे ही ग्रन्थ मूल रूप से सुरक्षित रहे जिनको ब्राह्मणों ने रट कर याद कर रखा था| ग्रंथों को प्रक्षिप्त यानी इस तरह विकृत कर दिया गया जिस से भारतीयों में ब्राह्मण विरोध की भावना और हीनता व्याप्त हो जाए| ब्राह्मणों के अत्याचार की झूठी कहानियाँ गढ़ी गयी और ब्राह्मणों की संस्था को नष्ट प्राय कर दिया| भारत पर आर्य आक्रमण का झूठा और कपोल-कल्पित इतिहास थोपा गया| भारत के हर गाँव में एक न एक गुरुकुल होता था जहाँ ब्राह्मण वर्ग अपना धर्म मान कर निःशुल्क विद्यादान करता था| उसका खर्च समाज चलाता था| वे सारे गुरुकुल बंद कर दिए गए|
भारत से जाते हुए भी अँगरेज़ भारत की सत्ता अपने मानसपुत्रों को सौंप गए जिन्होनें भारत को नष्ट करने की रही सही कसर भी पूरी कर दी|
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भारत में गायों की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक थी| हर गाँव में गोचर भूमियाँ थीं| सर्वप्रथम तो एक विशाल पैमाने पर गौ हत्या शुरू की गई| सबसे पहला क़साईख़ाना सन १७६० ई.में आरम्भ किया गया| फिर हज़ारों कसाईखाने खोले गए| अंग्रेजी राज में प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ गायों की ह्त्या होने लगी थी| खाद के रूप में प्रयुक्त होने वाले गोबर के अभाव में भूमि बंजर होने लगी|
फिर जहाँ जहाँ उपजाऊ भूमि थी वहां के किसानों को बन्दूक की नोक पर नील की खेती करने को बाध्य किया जाने लगा जिस से भूमि की उर्वरता बिलकुल ही समाप्त हो गयी|
लगान वसूली के लिए इंग्लैंड के सारे गुंडों-बदमाशों को भारत में कलेक्टर नियुक्त कर दिया जो घोड़े पर बैठकर हर गाँव में हर खेत में जाते और बड़ी निर्दयता से लगान बसूलते| किसानों पर तरह तरह के कर लगा कर उन्हें निर्धन बना दिया गया| अपने खाश खाश लोगों को जमींदार बना कर जमींदारी प्रथा आरम्भ कर अंग्रेजों ने भारत के किसानों पर बहुत अधिक अत्याचार करवाए|
सबसे अधिक अत्याचार बंगाल में हुए जहाँ कृत्रिम अकाल उत्पन्न कर के करोड़ों लोगों को भूख से मरने के लिए बाध्य कर दिया गया| नेपाल की तराई के के क्षेत्रों में भूमि बहुत अधिक उपजाऊ थी जिस पर नील की खेती करा कर भूमि को बंजर बना दिया गया| भारत अभी तक कृषि के क्षेत्र में उबर नहीं पाया है|
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देखिये अब आगे और क्या होता है| भगवान से प्रार्थना करते हैं की जो भी हो वह अच्छा ही हो|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२४ मार्च २०१३