Friday 23 March 2018

महान संतान कैसे उत्पन्न होती है? ......

महान संतान कैसे उत्पन्न होती है? ......
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जब स्त्री का अंडाणु और पुरुष का शुक्राणु मिलते हैं तब सूक्ष्म जगत में एक विस्फोट होता है| उस समय पुरुष और स्त्री (विशेष कर के स्त्री) जैसी चेतना में होते हैं, वैसी ही चेतना की आत्मा आकर गर्भस्थ हो जाती है|
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प्राचीन भारत में गर्भाधान संस्कार होता था| संतान उत्पन्न करने से पूर्व पति और पत्नी दोनों छः माह तक ब्रह्मचर्य का पालन करते थे और ध्यान साधना द्वारा एक उच्चतर चेतना में चले जाते थे| इसके पश्चात गर्भाधान संस्कार द्वारा वे चाहे जैसी संतान उत्पन्न करते थे| भारत के मनीषियों को यह विधि ज्ञात थी इसीलिए भारत ने प्राचीन काल में महापुरुष ही महापुरुष उत्पन्न किये|
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गर्भाधान के पश्चात भी अनेक संस्कार होते थे| गर्भवती स्त्री को एक पवित्र वातावरण में रखा जाता, जहाँ नित्य वेदपाठ और स्वाध्याय होता था| शिशु के जन्म के पश्चात भी अनेक संस्कार होते थे|
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वे सारे संस्कार अब लुप्त हो गए हैं| इसीलिए भारत में महान आत्माएं जन्म नहीं ले पा रही हैं| अनेक महान आत्माएं भारत में जन्म लेना चाहती हैं पर उन्हें इसका अवसर नहीं मिल रहा|
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आप चाहे जैसी संतान उत्पन्न कर सकते हैं| महान से महान आत्मा को जन्म दे सकते हैं|
आप सब में हृदयस्थ परमात्मा को नमन|

ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२४ मार्च २०१६

1 comment:

  1. हम में से अधिकांश लोग अपनी संतानों के दिशाहीन होने से दुखी हैं| दोष संतानों का नहीं, पूरा दोष हमारा ही है| हमने उनके सामने अपना कोई आदर्श नहीं रखा| उनके जन्म के पूर्व से ही यदि हम धर्माचरण करते, और पैशाचिक पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करते तो आज हमें पछताना नहीं पड़ता|

    कोई भी शिशु या बालक हो वह बातों से नहीं, माता-पिता का आचरण और व्यवहार देखकर ही सीखता है| जो हो गया सो तो हो गया, उसे तो हम बदल नहीं सकते, पर इसी क्षण से हमारा व्यवहार और जीवनचर्या वैसी ही हो जैसी हम अपने बच्चों से अपेक्षा रखते हैं|

    ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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