Saturday, 21 December 2024
अब बुढ़ापे का असर होने लगा है, सब काम छोड़ कर रात-दिन राम का नाम लेने का समय आ गया है ---
कैवल्य मुक्ति ----
इस युद्धभूमि में आप हजारों तलवारों के बीच से सुरक्षित निकल सकते हैं, कोई आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता, लेकिन अपने कर्मफलों से नहीं बच सकते। कर्मफलों से बचने का एक ही उपाय है, वह है परमात्मा को पूर्ण समर्पण। अन्य कोई उपाय नहीं है।
तुलसी विलम्ब न कीजिए भजिये नाम सुजान, जगत मजूरी देत है क्यों राखे भगवान् ---
"तुलसी विलम्ब न कीजिए भजिये नाम सुजान| जगत मजूरी देत है क्यों राखे भगवान् ||"
चारों ओर छाये हुए असत्य के अंधकार को कैसे दूर करें ? ---
पहली बात तो यह है कि ईश्वर की सृष्टि में कहीं कोई अंधकार नहीं है। गहन से गहन अंधकार के पीछे भी एक प्रकाश है, जो मुझे दृष्टिगत हो रहा है। जहां असत्य है, वहीं अंधकार है। एकमात्र सत्य -- परमात्मा हैं, जो परम ज्योतिर्मय हैं। परमात्मा के प्रकाश का अभाव ही अंधकार है। असत्य हमारी चेतना में है, तभी हमें अंधकार प्रतीत हो रहा है। हम परमात्मा के प्रकाश का निरंतर विस्तार करें।
शब्दातीत अनुभूति ---
कुछ गूढ बातें ऐसी भी होती हैं जिनके लिए वाणी में कोई शब्द नहीं होते। वे शब्दों में व्यक्त नहीं हो सकतीं। वे केवल मनोभूमि में ही दिखाई देती हैं, और वहीं पर उनमें वैचारिक मंथन होता है। क्या उन्हें ही परा और पश्यंती कहते हैं ?
हमारा साप्ताहिक अवकाश रविवार को ही क्यों होता है?// क्रिसमस का त्योहार २४ व २५ दिसंबर को ही क्यों मनाते है?//यह सांता क्लॉज (फादर क्रिसमस) नाम का पादरी कौन है?
आज २१ दिसंबर २०२४ का दिन अपनी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में इस वर्ष का सबसे छोटा दिन है। सूर्य अपनी पृथ्वी के दक्षिणतम बिन्दु पर आज मध्याह्न के दो बजकर ५१ मिनट पर (14.51 IST) पर होगा। कल से दिन बड़े होने आरंभ हो जाएँगे।