Saturday 25 September 2021

जीवन के सारे दुःख, अभाव, पीड़ायें, क्षोभ, कष्ट, और शिकायतें व असीम वेदनायें ..... कैसे दूर करें? .....

 

जीवन के सारे दुःख, अभाव, पीड़ायें, क्षोभ, कष्ट, और शिकायतें व असीम वेदनायें ..... कैसे दूर करें? .....
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भारतवर्ष के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है| हमारा सनातन धर्म हमें यही सिखाता है| यदि हम गंभीरता से श्रीमद्भगवद्गीता और उपनिषदों का स्वाध्याय करें तो पायेंगे कि उनके सारे उपदेश हमें यही सिखा रहे हैं| लेकिन यह बात तभी समझ में आयेगी जब हमारे में ... सतोगुण प्रधान हो, हृदय में परम-प्रेम हो, और परमात्मा को पाने की अभीप्सा हो| अन्यथा सफलता नहीं मिलेगी| इन गुणों को स्वयं में प्रकट करना होगा|
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हम अपने सारे अवगुण व गुण और उन सभी बातों को जो हमें पीड़ा दे रही हैं, परमात्मा को सौंप दें, और परमात्मा का सत्यनिष्ठा से चिंतन करें| जीवन में चाहे कितना भी भयानक अंधकार हो, कितनी भी विकराल पीड़ायें हों, सब दूर हो जायेंगी| परमात्मा के प्रति हमारा समर्पण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है| समर्पण की पूर्णता बड़ी आवश्यक है| इसकी विधि भी हमारे शास्त्रों में है| कोई लघुमार्ग यानि short-cut नहीं है|
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मनुष्य का लोभ और अहंकार ये दो ऐसी बुराइयाँ हैं जो जो हमारा तुरंत पतन करती हैं| यदि हम अपनी इन दो बुराइयों, यानि अपने लोभ और अहंकार को परमात्मा में समर्पित कर, इन से मुक्त हो सकें तो पायेंगे कि आधे से अधिक युद्ध जीत लिया है| गीता का सार ही सत्यनिष्ठा से परमात्मा में समर्पण है| आप सब को शुभ कामनाएँ व नमन !!
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ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२५ सितम्बर २०२०