गीता
पाठ में उच्चारण शुद्ध व सही होना चाहिए| इसके लिए अनुष्टुप छंद का ज्ञान
होना आवश्यक है| गीता के अधिकाँश श्लोक अनुष्टुप छंद में हैं|
जिन्हें अनुष्टुप छंद का ज्ञान नहीं है, उनसे मेरी प्रार्थना है कि वे अनुष्टुप छंद क्या है, इसे सीख लें| इसमें अधिक से अधिक पंद्रह-बीस मिनट लगेंगे| कोई भी साहित्य का विद्यार्थी इसे आराम से समझा देगा| इस छंद में कुल ३२ अक्षर होते हैं, हर पंक्ति में सौलह अक्षर होते हैं|
गीता पाठ करते समय हर पंक्ति के आठ अक्षर पहले पढ़ने हैं, फिर अल्पविराम देकर अगले आठ अक्षर| फिर अगली पंक्ति पर जाना है| सही व शुद्ध उच्चारण कैसे करें, यह सीखने में कोई शर्म की बात नहीं है| किसी भी विद्वान् पंडित से या आचार्य से शुद्ध उच्चारण करना सीख लें| उसके पश्चात ही गीता का पाठ आरम्भ करें|
धन्यवाद ! ॐ ॐ ॐ !!
१७ मई २०१८
जिन्हें अनुष्टुप छंद का ज्ञान नहीं है, उनसे मेरी प्रार्थना है कि वे अनुष्टुप छंद क्या है, इसे सीख लें| इसमें अधिक से अधिक पंद्रह-बीस मिनट लगेंगे| कोई भी साहित्य का विद्यार्थी इसे आराम से समझा देगा| इस छंद में कुल ३२ अक्षर होते हैं, हर पंक्ति में सौलह अक्षर होते हैं|
गीता पाठ करते समय हर पंक्ति के आठ अक्षर पहले पढ़ने हैं, फिर अल्पविराम देकर अगले आठ अक्षर| फिर अगली पंक्ति पर जाना है| सही व शुद्ध उच्चारण कैसे करें, यह सीखने में कोई शर्म की बात नहीं है| किसी भी विद्वान् पंडित से या आचार्य से शुद्ध उच्चारण करना सीख लें| उसके पश्चात ही गीता का पाठ आरम्भ करें|
धन्यवाद ! ॐ ॐ ॐ !!
१७ मई २०१८