Sunday, 11 February 2018

यह जातिवाद और तुष्टिकरण एक दिन इस राष्ट भारत को नष्ट कर देगा .....

यह जातिवाद और तुष्टिकरण एक दिन इस राष्ट भारत को नष्ट कर देगा .....
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भारत को विखंडित करके नष्ट करने का अर्थ है ...सनातन धर्म को नष्ट करना| सनातन धर्म नष्ट हुआ तो शीघ्र ही इस पृथ्वी पर मनुष्य जाति भी अंततः आपस में लड़कर नष्ट हो जायेगी| वह महाप्रलय का आरम्भ होगा जिसमें कोई नहीं बचेगा| फिर नए सिरे से ही सृष्टि बसेगी| इस पृथ्वी पर कभी डायनासोर ही थे, जैसे वे नष्ट हुए वैसे ही मनुष्य भी नष्ट हो जायेंगे| अब जैसे डायनासोर के अवशेष मिलते हैं, वैसे ही मनुष्यों के भी अवशेष ही मिलेंगे| फिर हो सकता है दूसरे किसी ग्रह से मनुष्यों से भी अधिक उन्नत व अधिक गुणों से संपन्न कोई अतिमानुषी जाति यहाँ आकर बसे| वे भी यही पढेंगे कि इस पृथ्वी पर कभी मनुष्य जाति रहती थी जिनमें इतना ईर्ष्या, द्वेष और अहंकार था कि वे आपस में लड़कर नष्ट हो गए| हो सकता है वे अतिमानुषी किसी सूक्ष्म लोक से यहाँ भौतिक रूप से रूपांतरित होकर रहें, पर वे होंगे किसी विज्ञानमय लोक के ही, ऐसा मुझे लगता है| जैसे इस समस्त सृष्टि में हम इस भौतिक सृष्टि के हैं, वैसे ही प्राणिक, मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय सृष्टियाँ भी हैं जो इस भौतिक जगत से बहुत बड़ी हैं|
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मेरी बात का अभी तो सब उपहास उड़ा सकते हैं पर अपने कर्म फलों से कोई नहीं बच सकता| परमात्मा का अनुग्रह ही मनुष्यों को बचा सकता है, अन्यथा यह महाविनाश निश्चित है| मनुष्य सिर्फ अपनी मृत्यु से ही डरता है, अन्य किसी से नहीं| पर यह मृत्यु सभी जीवों की होगी सिर्फ मनुष्यों की ही नहीं| काल अनंत है| इस अनंत काल में कुछ लाख वर्ष मनुष्य जाति ने इस पृथ्वी पर राज्य कर लिया, वे भी डायनासोर की तरह भूतकाल के प्राणी हो जाएँगे| कोई दूसरे प्राणी उनका स्थान ले लेंगे, इस से काल पर कोई फर्क नहीं पड़ता|
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भारत व सनातन धर्म को नष्ट करने का प्रयास पिछले एक सहस्त्र वर्षों से हो रहा है| जब भारत की अस्मिता पर मर्मान्तक प्रहार हो रहे थे तब अनगिनत अनेक भक्तों ओर महान आत्माओं ने जन्म लिया और सनातन धर्म की रक्षा की| आसुरी शक्तियों के भीषणतम प्रहारों के आघात के बाद भी सनातन धर्म बचा रहा, पर अब इस पर और भी अधिक भीषण सूक्ष्म रूप में आघात हो रहे हैं|
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सर्वप्रथम भारत की शिक्षा व्यवस्था और कृषि व्यवस्था को नष्ट किया गया| झूठा इतिहास पढ़ाकर भारतीयों को आत्महीनता का बोध कराया गया| धर्मनिरपेक्षता के नाम पर धर्म की चेतना व धर्म के ज्ञान को लोगों के मानस से मिटाया गया| भारत को मत-मतान्तरों के आधार पर असुरों ने बाँटा, फिर भाषा के आधार पर, अब जाति के आधार पर बाँटा जा रहा है| सारी राजनीति जाति पर आधारित हो गयी है| राष्ट्र के हित की बात करने पर विभिन्न तिरस्कारपूर्ण व् अपमानजनक शब्दों से उपहास किया जाता है| यह जातिवाद और तुष्टिकरण भारत को एक दिन नष्ट कर देगा| भारत नष्ट हुआ तो यह मनुष्य जाति भी नष्ट हो जायेगी|
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पर अब लगता है हम असहाय हैं और आने वाले पहाप्रलय के साक्षी होने वाले हैं| मेरी पीड़ा सिर्फ मेरी ही नहीं है, सारे राष्ट्र की पीड़ा है| हे प्रभु, धर्म और राष्ट्र की रक्षा करना|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
११ फरवरी २०१८
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पुनश्चः : --- कल १० फरवरी को प्रातः कश्मीर में एक सैनिक छावनी पर आतंकवादियों का आकमण हुआ था| वह आक्रमण इस लिए संभव हो पाया क्योंकि उस सैनिक छावनी से सटाकर ही म्यांमार देश से आये अवैध रोहिंग्यों की बस्ती बसाई गयी है जिसमें से छावनी पर जासूसी भी की जा सकती है और छावनी में अवैध प्रवेश भी किया जा सकता है| कश्मीर के शासक वर्ग को यह पीड़ा है कि वहाँ पर हिन्दू जीवित क्यों हैं| उन्हें कश्मीर में हिन्दुओं का रहना असह्य है पर रोहिंग्या मुसलमानों से कोई शिकायत नहीं है|
चीन की योजना यह है की भारत के पूर्वोत्तर को काट कर भारत से अलग कर दे इसीलिये वह डोकलाम पर अधिकार करना चाहता है| पकिस्तान यह चाहता है कि जम्मू मुस्लिम बहुल हो जाए ताकि जम्मू-कश्मीर को भारत से पृथक करने में कोई अड़चन न हो|
चीन, पकिस्तान, और पूरा ईसाई जगत अपने अंतर से यही चाहता है कि भारत नष्ट हो जाए|

पढो कम, पर ध्यान अधिक करो .....

पढो कम, पर ध्यान अधिक करो .....
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भगवान के प्रति परम प्रेम और उन्हें पाने की अभीप्सा, शास्त्रों के ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण और सार्थक है| शास्त्रों के ज्ञान की उपयोगिता तभी तक है जब तक भगवान को पाने की तड़प उत्पन्न नहीं होती| शास्त्रों से हमें प्रेरणा और दिशा-निर्देश ही प्राप्त हो सकते हैं, वास्तविक ज्ञान नहीं| वास्तविक ज्ञान तो हमें भगवान की कृपा से ही मिल सकता है, क्योंकि भगवान ही सारे ज्ञान का स्त्रोत हैं| जब भगवान में मन लग जाये तब भगवान का चिंतन ही करना चाहिए| सब अनात्म विचारों को हटाकर भगवान के प्रियतम रूप का निरंतर चिंतन-मनन ही ध्यान है| भगवान निश्चित रूप से अपने भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं|
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शास्त्रों का स्वाध्याय ......... सत्संग, प्रेरणा, मार्गदर्शन और उत्साहवृद्धि के लिए ही करना चाहिए| बिना साधना के मात्र शास्त्रों का अध्ययन विद्वता के एक मिथ्या अहंकार को जन्म देता है| हमारे जीवन का लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है, न कि सिर्फ बौद्धिक ज्ञान| सिर्फ ग्रन्थ पढ़ने या सुनने से भगवान नहीं मिलते|
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विश्व की धर्मान्धता, कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद की सारी समस्याएँ उस दिन दूर हो जाएँगी जिस दिन पृथ्वी पर सभी लोग भगवान से प्रेम करने लगेंगे| वर्तमान में उग्र आतंकवाद का एकमात्र कारण यही है कि पृथ्वी पर कुछ लोग भगवान से तो प्रेम नहीं करते पर अपनी कुछ पुस्तकों की तथाकथित श्रेष्ठता और उन में लिखे विचार सब पर बलात् थोपना चाहते हैं, चाहे दूसरों की ह्त्या ही करनी पड़े| वे लोग मार्क्सवादी हों या नाजी, क्रूसेडर हों या जिहादी, या चाहे फर्जी सेकुलर, सभी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं||
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हे भगवान, सब को सदबुद्धि और विवेक दो| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
सभी को सप्रेम सादर नमन!
कृपा शंकर
१० फरवरी २०१८