Wednesday, 22 October 2025

एक विषय पर मैं सभी मनीषियों के विचार जानना चाहता हूँ ---

 एक विषय पर मैं सभी मनीषियों के विचार जानना चाहता हूँ वह यह है कि -----------

अपने शास्त्रों का कथन है कि मनुष्य जीवन अति दुर्लभ है| ८४ लाख योनियों में भटकने के पश्चात मनुष्य देह मिलती है|
मैं इस कथन में पूर्ण आस्था रखता हूँ|
पर जिस तरह की कचरा मनुष्यता दिखाई दे रही है और जिस तरह की कचरा मनुष्यता का इतिहास पिछले एक हज़ार वर्ष का है, मुझे स्वयं पर संदेह हो रहा है कि मैं सही हूँ क्या|
उपदेश तो हमें यही मिलता है कि सब में परमात्मा है, समस्त सृष्टि आपकी स्वयं की ही अभिव्यक्ति है, आदि आदि|
यह भी मानते आ रहे हैं कि मनुष्य देह प्राप्त करने के पश्चात भारतवर्ष में जन्म मिलना अति दुर्लभ है, वह भी सनातन हिन्दू धर्मावलम्बियों में|
पर जिस तरह के गिरे हुए मनुष्य आजकल भारत में भी दिखाई दे रहे हैं उनसे लगता है कि जिसको नर्क में भी स्थान नहीं मिल रहा वैसे लोग भी यहाँ जन्म ले रहे हैं|
जब हम कहते हैं कि यह हमारा दृष्टिदोष है, सब में परमात्मा को देखो आदि आदि तो क्या यह हमारा पलायनवाद तो नहीं है?
कोई आततायी आपको मारने आ रहा है या आपके राष्ट्र और धर्म का अहित करने आ रहा है तब क्या आप उस में परमात्मा का भाव रखेंगे?
आजकल मनुष्य बहुत शीघ्र पशु या राक्षस बन जाता है| राक्षसों के सिर पर सींग थोड़े ही होते थे जैसा कि चित्रों में दिखाते हैं| लगता है आजकल मनुष्य कम, राक्षस अधिक जन्म ले रहे हैं|
कई बार तो लगता है कि मनुष्यता अपने उद्देश्य में विफल रही है और विनाश अवश्यम्भावी है|
कृपया मार्गदर्शन करें| आप सब का जीवन प्रभु प्रेम से आलोकित हो| आपके जीवन में शुभ ही शुभ हो| आप पर सदा परमात्मा कि कृपा बनी रहे|
धन्यवाद|
२३ अक्तूबर २०१४