मेरी जाति, मेरा वर्ण और मेरा गौत्र कौन सा है ? ..........
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औरों की तो मैं कह नहीं सकता पर जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मेरी जाति, मेरा वर्ण और मेरा गौत्र वही है जो सृष्टिकर्ता परमात्मा का है| मेरे इष्ट देवता भगवान शिव हैं| मैं उन्हीं का ध्यान करता हूँ और मेरा समर्पण भी उन्हीं के प्रति है अतः मैं उनका हूँ और वे मेरे हैं| इस प्रकार उनकी जाति ही मेरी जाति है, उनका वर्ण ही मेरा वर्ण है और उनका गौत्र ही मेरा गौत्र है| उनसे पृथक मेरा कोई अस्तित्व नहीं है|
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जब एक स्त्री का विवाह होता है तब वह अपने पति के प्रति समर्पित हो जाती है और पति का वर्ण, पति की जाति और पति का गौत्र ही उस स्त्री के भी हो जाते है|
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वैसे ही एक भक्त का समर्पण जिस इष्ट देव/देवी या परमात्मा के साथ होता है उसके जाति, वर्ण और गौत्र भी उसके इष्ट देव/देवी वाले या परमात्मा के ही हो जाते हैं|
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(परमात्मा को समर्पित आत्माओं की एक ही जाति, वर्ण और गौत्र हो सकता है, और वह है ------ "अच्युत"|)
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ॐ नमः शिवाय | ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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औरों की तो मैं कह नहीं सकता पर जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मेरी जाति, मेरा वर्ण और मेरा गौत्र वही है जो सृष्टिकर्ता परमात्मा का है| मेरे इष्ट देवता भगवान शिव हैं| मैं उन्हीं का ध्यान करता हूँ और मेरा समर्पण भी उन्हीं के प्रति है अतः मैं उनका हूँ और वे मेरे हैं| इस प्रकार उनकी जाति ही मेरी जाति है, उनका वर्ण ही मेरा वर्ण है और उनका गौत्र ही मेरा गौत्र है| उनसे पृथक मेरा कोई अस्तित्व नहीं है|
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जब एक स्त्री का विवाह होता है तब वह अपने पति के प्रति समर्पित हो जाती है और पति का वर्ण, पति की जाति और पति का गौत्र ही उस स्त्री के भी हो जाते है|
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वैसे ही एक भक्त का समर्पण जिस इष्ट देव/देवी या परमात्मा के साथ होता है उसके जाति, वर्ण और गौत्र भी उसके इष्ट देव/देवी वाले या परमात्मा के ही हो जाते हैं|
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(परमात्मा को समर्पित आत्माओं की एक ही जाति, वर्ण और गौत्र हो सकता है, और वह है ------ "अच्युत"|)
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ॐ नमः शिवाय | ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||