अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हिन्दू समाज यही कर सकता है .........
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(१) अपना स्वयं का आचरण धर्मानुसार करे| यदि स्वधर्म का ज्ञान नहीं है तो उसे प्राप्त करे| अपने आचरण से ही हम दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं| रा.स्व.से.संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठनों से जुड़ कर रहें| आत्म रक्षा के लिए घर में अस्त्र-शस्त्र भी रखें|
(२) अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दें| उन्हें रामायण, महाभारत जैसे ग्रन्थ पढनें को दें| उनमें अच्छे संस्कार डालें| उन्हें विकास के लिए अच्छा वातावरण दें और उनकी हर प्रकार के बुरे प्रभाव से रक्षा करें| उन्हें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व करना सिखाएं और उनको अपने स्वयं का उदाहरण दें| आत्मरक्षा का प्रशिक्षण उन्हें अवश्य दें| इसके लिए उन्हें अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग भी अवश्य सिखाएं|
बच्चों को संघ की शाखाओं में भी भेजें|
(३) जो मतान्तरित होकर अन्य विरोधी मतों में चले गए हैं उन्हें बापस लाने का सदा प्रयास करें और सनातन वैदिक हिन्दू धर्म का अपनी क्षमतानुसार सारे प्रचार करें| अपना मत (Vote) भी सिर्फ राष्ट्रवादियों को दें और यह सुनिश्चित करें कि वे धर्म व राष्ट्र को समर्पित रहें|
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(१) अपना स्वयं का आचरण धर्मानुसार करे| यदि स्वधर्म का ज्ञान नहीं है तो उसे प्राप्त करे| अपने आचरण से ही हम दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं| रा.स्व.से.संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठनों से जुड़ कर रहें| आत्म रक्षा के लिए घर में अस्त्र-शस्त्र भी रखें|
(२) अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दें| उन्हें रामायण, महाभारत जैसे ग्रन्थ पढनें को दें| उनमें अच्छे संस्कार डालें| उन्हें विकास के लिए अच्छा वातावरण दें और उनकी हर प्रकार के बुरे प्रभाव से रक्षा करें| उन्हें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व करना सिखाएं और उनको अपने स्वयं का उदाहरण दें| आत्मरक्षा का प्रशिक्षण उन्हें अवश्य दें| इसके लिए उन्हें अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग भी अवश्य सिखाएं|
बच्चों को संघ की शाखाओं में भी भेजें|
(३) जो मतान्तरित होकर अन्य विरोधी मतों में चले गए हैं उन्हें बापस लाने का सदा प्रयास करें और सनातन वैदिक हिन्दू धर्म का अपनी क्षमतानुसार सारे प्रचार करें| अपना मत (Vote) भी सिर्फ राष्ट्रवादियों को दें और यह सुनिश्चित करें कि वे धर्म व राष्ट्र को समर्पित रहें|
धन्यवाद | ॐ नमःशिवाय| ॐ ||
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