किसी भी परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ हम क्या कर सकते हैं ? .....
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विश्व में किसी को भी विचलित कर देने वाली अनेक घटनाएँ हो रही हैं जिनसे पहले मैं विचलित हो जाया करता था| अनेक राष्ट्रविरोधी कार्य हो रहे हैं जिनसे पीड़ा होती है| पर अंततः निज विवेक ने यह सोचने को बाध्य किया कि इस तरह विचलित होने से कुछ लाभ नहीं है| किसी भी परिस्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ क्या कर सकते हैं, वही करना चाहिए|
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मेरा विवेक तो यही कहता है कि निज जीवन में हमें अन्याय का प्रतिकार करना चाहिए पर सर्वश्रेष्ठ कार्य जो हम कर सकते हैं वह है ..... "परमात्मा का ध्यान" और "परमात्मा से समष्टि के कल्याण की प्रार्थना"| यह सर्वाधिक सकारात्मक कार्य है| परमात्मा हमारे जीवन में बहे| अपना जीवन हम उसे समर्पित कर दें| यह सृष्टि सृष्टिकर्ता परमात्मा की है| वे अपनी सृष्टि को चलाने में सक्षम हैं| उन्हें हमारी सलाह की आवश्यकता नहीं है|
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आप सब में हृदयस्थ परमात्मा को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ मार्च २०१६
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विश्व में किसी को भी विचलित कर देने वाली अनेक घटनाएँ हो रही हैं जिनसे पहले मैं विचलित हो जाया करता था| अनेक राष्ट्रविरोधी कार्य हो रहे हैं जिनसे पीड़ा होती है| पर अंततः निज विवेक ने यह सोचने को बाध्य किया कि इस तरह विचलित होने से कुछ लाभ नहीं है| किसी भी परिस्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ क्या कर सकते हैं, वही करना चाहिए|
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मेरा विवेक तो यही कहता है कि निज जीवन में हमें अन्याय का प्रतिकार करना चाहिए पर सर्वश्रेष्ठ कार्य जो हम कर सकते हैं वह है ..... "परमात्मा का ध्यान" और "परमात्मा से समष्टि के कल्याण की प्रार्थना"| यह सर्वाधिक सकारात्मक कार्य है| परमात्मा हमारे जीवन में बहे| अपना जीवन हम उसे समर्पित कर दें| यह सृष्टि सृष्टिकर्ता परमात्मा की है| वे अपनी सृष्टि को चलाने में सक्षम हैं| उन्हें हमारी सलाह की आवश्यकता नहीं है|
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आप सब में हृदयस्थ परमात्मा को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ मार्च २०१६