आज २१ दिसंबर २०२४ का दिन अपनी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में इस वर्ष का सबसे छोटा दिन है। सूर्य अपनी पृथ्वी के दक्षिणतम बिन्दु पर आज मध्याह्न के दो बजकर ५१ मिनट पर (14.51 IST) पर होगा। कल से दिन बड़े होने आरंभ हो जाएँगे।
आज तीन प्रश्नों पर विचार करते हैं जिनके उत्तर भी प्रश्नों में ही समाहित हैं। सत्य को जानने की अभीप्सा सभी के हृदयों में जागृत होनी चाहिए। सत्य ही परमात्मा है, भगवान सत्यनारायण हैं।
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(प्रश्न १) : हमारा साप्ताहिक अवकाश रविवार को ही क्यों होता है?
(उत्तर १) : अंग्रेजों के रिलीजन के अनुसार God ने पहले तीन दिन में पृथ्वी को बनाया, तीसरे व चौथे दिन सूरज व चाँद बनाये और बाकी दो दिन में पूरी सृष्टि बनाई। सातवें दिन आराम किया जिसे Holy Day कहा जाता था। यह अब Holiday कहलाने लगा है। भारत में अंग्रेजों के आने से पूर्व महीने में केवल एक ही दिन अमावस्या को छुट्टी होती थी। अंग्रेजों ने महीने में चार सप्ताह बनाए और जिस दिन उनके God ने आराम किया था उस Holy Day को Holiday घोषित कर दिया।
लेकिन वास्तविकता यह है कि ईसाईयत का उपयोग व प्रचार-प्रसार रोमन सम्राट कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट ने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए किया था जो स्वयं कभी भी ईसाई नहीं बना। वह सूर्य का उपासक था। सूर्य के उपासकों को पर्याप्त समय मिले इसलिए रविवार यानि Sunday को आदेश देकर उसने छुट्टी घोषित करवा दिया जो अभी तक प्रचलित है। अतः रविवार की छुट्टी अभी तक रोमन सम्राट के आदेश से ही होती है। केवल मुस्लिम देशों में शुक्रवार को छुट्टी का दिन होता है।
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(प्रश्न २) : क्रिसमस का त्योहार २४ व २५ दिसंबर को ही क्यों मनाते है?
(उत्तर २) : पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दो हजार वर्ष पूर्व २४ दिसंबर की रात सबसे अधिक लंबी होती थी, और दिन सबसे अधिक छोटा। २५ दिसंबर से दिन बड़े होने आरंभ हो जाते थे। इसलिए रोमन सम्राट कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट के आदेश से उसे जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन यानि क्रिसमस और बड़ा दिन घोषित किया गया।आजकल २१ दिसंबर का दिन सबसे अधिक छोटा, व रात सबसे अधिक लंबी होती है। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि कोन्स्टेंटाइन द ग्रेट पूरे जीवन भर सूर्य-उपासक था, लेकिन जब वह मर रहा था तब पादरियों ने जबर्दस्ती उसका बप्तीस्मा (To Baptize) कर दिया था। कुछ इतिहासकार उसके बप्तीस्मा वाली बात को नहीं मानते।
जैसे मुसलमानों में खतना होता है वैसे ही यहूदियों में भी खतना होता है। ईसा मसीह एक यहूदी था, जब वह थोड़ा बड़ा हो गया तो १ जनवरी को उसका खतना हुआ था। उसके खतना-दिवस को हम नव-वर्ष के रूप में मनाते हैं। असली बात को छिपा दिया गया है।
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(प्रश्न ३) : यह सांता क्लॉज (फादर क्रिसमस) नाम का पादरी कौन है, जो रैनडियर नामक बारहसींगे द्वारा खींची जाने वाली बर्फ में ही चलने वाली स्लेज गाड़ी पर बैठकर क्रिसमस से एक दिन पूर्व वह रात को आता है और सभी बच्चों को खिलौने देता है, व टॉफी, केंडी और चॉकलेट खिलाता है?
(उत्तर ३) : सांता क्लॉज़ की कहानी ईसा की चौथी शताब्दी में सैंट निकोलस नाम के एक ग्रीक पादरी ने ठण्ड से पीड़ित यूरोप के ईसाई बच्चों के मन को बहलाने के लिए लिखी थी।
भारत में इसकी लोकप्रियता का कारण बाजारवाद और भारतियों की आत्म-हीनता व हीन-भावना का होना है। यह एक फूहड़पन और सांस्कृतिक पतन है। अपने बच्चों को इस सांस्कृतिक पतन से बचायें। अगर किसी स्कूल में यह मनाते हैं तो अपने बच्चों को मना कर दें कि वे इसमें भाग न लें।
धन्यवाद !!
२१ दिसंबर २०२४
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