"आप का न जन्म हो सकता है और न मृत्यु"
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जिन महान आत्माओं ने इस शरीर महाराज के जन्मदिवस पर शुभ कामनाएँ प्रेषित कीं, और जो नहीं भी कर पाये उन सभी का मंगल हो। आप शाश्वत आत्मा हैं, आपका न जन्म हो सकता है और न मृत्यु। भगवान के इस वचन को याद रखें --
"एषा ब्राह्मी स्थितिः पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति।
स्थित्वाऽस्यामन्तकालेऽपि ब्रह्मनिर्वाणमृच्छति॥२:७२॥" (श्रीमद्भगवद्गीता)
अर्थात् -- "हे पार्थ यह ब्राह्मी स्थिति है। इसे प्राप्त कर पुरुष मोहित नहीं होता। अन्तकाल में भी इस निष्ठा में स्थित होकर ब्रह्मनिर्वाण (ब्रह्म के साथ एकत्व) को प्राप्त होता है॥"
"O Arjuna! This is the state of the Self, the Supreme Spirit, to which if a man once attain, it shall never be taken from him. Even at the time of leaving the body, he will remain firmly enthroned there, and will become one with the Eternal."
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आप निरंतर ब्रह्म की चेतना में रहिए जो अनंत है, और निरंतर जिसका अनंत विस्तार हो रहा है। इसे ही भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में "ब्राह्मी स्थिति", यानी ब्रह्मरूप से स्थित होने को कहा है। इस स्थिति को पाकर मनुष्य फिर मोहित नहीं होता। इस देह के अंतकाल में भी इस ब्राह्मी स्थिति में स्थित होकर मनुष्य ब्रह्म में लीन होकर ब्रह्ममय हो जाता है। यह ईश्वरीय पथ है। इस जीवन में ही यह समझना है। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
०३ सितंबर २०२४
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मेरी आयु अनंत (Infinity) है। My age is only -- ONE, and that is infinity.
क्या परमात्मा का या इस सृष्टि का कोई जन्मदिवस होता है? ये चाँद-तारे, ग्रह-नक्षत्र, नदियाँ और पर्वत -- क्या कोई इनका जन्मदिवस जानता है?
जिस भौतिक देह रूपी वाहन में मैं यह लोकयात्रा कर रहा हूँ, उसका आज भाद्रपद अमावस्या को जन्म हुआ था। विक्रम संवत के अनुसार आज मेरा जन्म-दिवस है। ग्रेगोरियन कैलंडर से मैं नहीं मनाता।
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