हम भगवान की दृष्टी में क्या हैं, बस इसी का महत्व है .......
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आध्यात्म पथ के पथिक अपने पथ में आने वाली किसी भी बाधा की "आलोचना", "निंदा" और "शिकायत" नहीं करते| "विक्षेप" और "आवरण" आएँगे और चले जाएँगे| कौन क्या कहता है या क्या सोचता है इसका कोई महत्त्व नहीं है, हम भगवान की दृष्टी में क्या हैं, बस इसी का महत्व है| सारी बाधाएँ विकास के लिए मिले हुए अवसर हैं|
अपने "कूटस्थ चैतन्य" में प्रयासपूर्वक प्रभु को निरंतर रखो| कर्ता वे हैं, हम नहीं| वे हमारे माध्यम से निरंतर बह रहे हैं, वे हमें ऊपर उठा रहे हैं, हम उन्हें अपने को ऊपर उठाने का अवसर दें| हमारा कार्य सिर्फ "अहैतुकी परम प्रेम" और "समर्पण" है| बाकी तो सारी साधना वे ही कर रहे हैं|
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ॐ नमः शिवाय| ॐ शिव| ॐ ॐ ॐ ||
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आध्यात्म पथ के पथिक अपने पथ में आने वाली किसी भी बाधा की "आलोचना", "निंदा" और "शिकायत" नहीं करते| "विक्षेप" और "आवरण" आएँगे और चले जाएँगे| कौन क्या कहता है या क्या सोचता है इसका कोई महत्त्व नहीं है, हम भगवान की दृष्टी में क्या हैं, बस इसी का महत्व है| सारी बाधाएँ विकास के लिए मिले हुए अवसर हैं|
अपने "कूटस्थ चैतन्य" में प्रयासपूर्वक प्रभु को निरंतर रखो| कर्ता वे हैं, हम नहीं| वे हमारे माध्यम से निरंतर बह रहे हैं, वे हमें ऊपर उठा रहे हैं, हम उन्हें अपने को ऊपर उठाने का अवसर दें| हमारा कार्य सिर्फ "अहैतुकी परम प्रेम" और "समर्पण" है| बाकी तो सारी साधना वे ही कर रहे हैं|
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ॐ नमः शिवाय| ॐ शिव| ॐ ॐ ॐ ||
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