Friday 9 March 2018

मैं पूर्ण रूप से सुखी और प्रसन्न हूँ .....

सूक्ष्म जगत के अनेक महात्माओं के आशीर्वाद मुझे वहाँ से प्राप्त होते रहते हैं| उनकी कृपा और आशीर्वाद से मैं धन्य हूँ| हे प्रभु, आप मेरे ह्रदय में और मैं आपके ह्रदय में सदा रहूँ| आप और मैं सदा एक हैं| मैं यह देह नहीं, आपका परम प्रेम और पूर्ण अनंतता हूँ|
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भगवान ने जो कुछ भी दिया है वह सब मुझे पूर्ण प्रसन्नता से स्वीकार्य है| मैं अपने सारे अवगुणों-गुणों, बुराइयों-अच्छाइयों, अज्ञान-ज्ञान, मूर्खता-बुद्धिमानी आदि आदि सब के लिए भगवान को धन्यवाद देता हूँ| ये सब भगवान के प्रसाद ही थे जिन को पाकर मैं धन्य हूँ|

वे मेरी चेतना में निरंतर रहें, और अपने ह्रदय से लगाकर रखें, और कुछ भी नहीं चाहिए| मैं पूर्ण रूप से सुखी और प्रसन्न हूँ|

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
७ मार्च २०१८

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