Monday 5 March 2018

मनुष्य योनी में असुर .....

मनुष्य योनी में असुर .....
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इस सृष्टि में मनुष्य के रूप में ही असुर, राक्षस, पिशाच, प्रमथ, वानर और पशु भी हैं| ये वृत्तियाँ हैं जो इनका वर्गीकरण करती हैं| पर ये सब आसुरी जगत के ही भाग हैं| असुर बड़े शक्तिशाली होते हैं| इनके कई काम हैं जिनमें से कुछ की यहाँ चर्चा करते हैं|
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इनका सबसे बड़ा काम है समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर समाज को भ्रमित रखना| इनका आनन्द सिर्फ नशा और कामवासना ही होता है| ये दूसरों के दुःख में सुखी और दूसरों के सुख में दुःखी होते हैं| लोगों में असंतोष को जन्म देकर उनमें द्वेष पैदा करना इनका स्वभाव होता है| धर्म से लोगों को विमुख करना और अन्याय का समर्थन, इनका मनोरंजन होता है|
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ऐसे लोगों से दूर रहने में ही कल्याण है| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
५ मार्च २०१८

1 comment:

  1. ड्रग्स का दुष्प्रभाव :--- पिछले बीस वर्षों में अमेरिका में जितने भी बड़े पैमाने पर हत्याकांड हुए उन सब के कारणों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन किया गया तो पाया गया कि सारे हत्यारे मन को प्रभावित करने वाले ड्रग्स (powerful psychotropic drugs) यानि घने नशे के आदि थे| सारे हत्यारे या तो ड्रग्स के आदि थे या ह्त्या के समय ड्रग्स के प्रभाव में थे|

    सिंगापुर, मलयेशिया, और इंडोनेशिया में अति अति अल्प मात्रा में भी ड्रग्स के मिलने पर मृत्यु-दंड की सजा है| जापान और अमेरिका जैसे देशों में उम्र-कैद की सजा है| विश्व में ड्रग्स की तस्करी सबसे बड़ा घोषित अपराध है|

    भारत में ड्रग्स के धंधे को पूरी सख्ती से पूरी तरह बंद कर के युवा पीढी को बर्बाद होने से बचाया जाए|

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