Tuesday, 26 June 2018

निर्जला एकादशी .....

आज निर्जला एकादशी है जिसे भीम एकादशी भी कहते हैं| आज का दिन बड़ा शुभ है क्योंकि यह पूर्ण रूपेण भगवान विष्णु को समर्पित है| आज के दिन विधि-विधान से व्रत करें, व भगवान विष्णु की आराधना करें| भगवान विष्णु आपकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे| यदि निर्जला न हो सके तो सजला कर लें, पर व्रत अवश्य करें| बीमार, अशक्त, वृद्ध और बालक, भी व्रत तो अवश्य करें, वे फलाहार दिन में दो तीन बार कर सकते हैं| यदि भूखे न रह सकें तो दूध पी लें, पर अन्न ग्रहण न करें| इस व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में सूर्योदय के पश्चात किया जाता है| जो श्रद्धालु शालिग्राम की पूजा करते हैं वे शालिग्राम की पूजा करें| विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सब लोग दिन में कम से कम एक बार तो अवश्य करें और द्वादसाक्षरी भागवत मन्त्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का यथासंभव खूब जप करें|
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इस एकादशी को दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है| एक बिलकुल नए मिटटी के घड़े को अच्छी तरह धोकर उसमें स्वच्छ जल भरें, घड़े की गर्दन पर पर मौली बांधें, घड़े पर रोली से स्वस्तिक का निशान बनाएँ और उस पर फल, गुड़ और दक्षिणा रखकर किसी सुपात्र ब्राह्मण को दान करें| संभव हो तो एक छाते व श्वेत वस्त्र का भी दान करें| ज़रूरतमंदों को शुद्ध पानी पिलायें| इस का आज के दिन बड़ा महत्त्व है|
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आज के शुभ दिन होने का निजानुभूती से प्रमाण दे रहा हूँ| आज प्रातः जब मैं उठा तो उठते ही भगवान वासुदेव का स्वतः ही बहुत गहरा ध्यान हुआ| मन आनंद से भर कर प्रफुल्लित हो गया और भगवान वासुदेव की बहुत गहरी अनुभूतियाँ हुईं| तब याद आया कि आज निर्जला एकादशी है|
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एक पौराणिक कथा है कि द्रौपदी और पांडव एकादशी का व्रत बड़ी श्रद्धा से करते थे, पर भीम को बड़ी भूख लगती थी और व्रत करने में बड़ी कठिनाई होती थी| वे अपनी समस्या का हल ढूँढने महर्षि व्यास के पास पहुँचे और सारी बात बताई| तब महर्षि ने भीम को सलाह दी कि वे ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को व्रत और पूजन करें, इससे वर्ष में पड़ने वाली सभी एकादशियों का फल उन्हें एक बार में ही प्राप्त जाएगा| भीम ने महर्षि की बात मान कर निर्जला एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया और सभी २४ एकादशियों का फल एक ही बार में प्राप्त कर लिया| तब से निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहा जाता है|
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भगवान से उनकी भक्ति ही माँगें| भक्ति मिल गयी तो सब कुछ मिल गया| भगवान वासुदेव सब का कल्याण करें|
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय | ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२३ जून २०१८

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