Monday 24 December 2018

क्रिसमस पर एक विशेष लेख (भाग २) .....

क्रिसमस पर एक विशेष लेख (भाग २) .....
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ऐसे विद्यालयों में जहाँ विद्यार्थी, अध्यापक, प्रबंधक और मालिक आदि सभी हिन्दू हैं, वहाँ बड़ी धूमधाम से क्रिसमस मनाकर विदेशी संस्कृति का प्रचार प्रसार बड़ा अटपटा और विचित्र सा लगता है| क्या यह अज्ञान का प्रसार नहीं है? यह सांता क्लॉज़ नाम का फर्जी बूढ़ा जिसका जिक्र बाइबिल में कहीं भी नहीं है, भारत में कभी भी घुस नहीं सकता| वह अपनी स्लेज गाड़ी पर आता है जिसे रेनडियर खींचते हैं| भारत में इतनी बर्फ ही नहीं पड़ती जहाँ स्लेज गाड़ी चल सके| भारत में रेनडियर भी नहीं होते| अतः अपने बच्चों को सांता क्लॉज न बनाएँ| यदि उनके स्कूल वाले बनाते हैं तो सख्ती से उन्हें मना कर दें|
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यह ईसाईयत का एक सबसे बड़ा उपदेश है जिसकी उपेक्षा कर ईसाईयों ने सिर्फ मारकाट और नर संहार ही किये हैं ....
Sermon on the Mount ..... He said ..... "But seek ye first the kingdom of God, and His righteousness; and all these things shall be added unto you." Matthew 6:33 KJV.
अर्थात् .... पहिले परमात्मा के राज्य को ढूंढो, फिर अन्य सब कुछ तुम्हें स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा.
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ईसाईयत में कर्मफलों का सिद्धांत .....
"He that leadeth into captivity shall go into captivity: he that killeth with the sword must be killed with the sword.
Revelation 13:10 KJV."
उपरोक्त उद्धरण प्राचीन लैटिन बाइबल की Revelation नामक पुस्तक के किंग जेम्स वर्ज़न से लिया गया है| एक धर्मगुरु अपने एक नौकर के कान अपनी तलवार से काट देता है जिस पर जीसस क्राइस्ट ने उसे तलवार लौटाने को कहा और उपरोक्त बात कही|
(विडम्बना है कि उसी जीसस क्राइस्ट के अनुयायियों ने पूरे विश्व में सबसे अधिक अत्याचार और नर-संहार किये).
For all who will take up the sword, will die by the sword.
Live by the sword, die by the sword.
जो दूसरों को तलवार से काटते हैं वे स्वयं भी तलवार से ही काटे जाते हैं ....
प्रकृति किसी को क्षमा नहीं करती| कर्मों का फल मिले बिना नहीं रहता|

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