Monday 24 December 2018

क्रिसमस पर सभी ईसाई श्रद्धालुओं को शुभ कामनाएँ .....

क्रिसमस पर सभी ईसाई श्रद्धालुओं को शुभ कामनाएँ .....
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वर्तमान ईसाई मत एक चर्चवाद है, उसका ईसा मसीह यानि जीसस क्राइस्ट से कोई सम्बन्ध नहीं है| कुछ वर्षों पूर्व अमेरिका में "द विन्सी कोड" नामक एक पुस्तक छपी थी, जिसके बाद पूरे विश्व में करोड़ों ईसाईयों की आस्था अपने मत से हट गयी| भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उस पुस्तक पर तुरंत प्रतिबन्ध लगा दिया था| फिर भी भारत में लगता है उसका Ghost Edition (यानि चोरी-छिपे छद्म प्रकाशक के नाम से) छपा और बड़े शहरों के फुटपाथों पर वह पुस्तक चोरी-छिपे खूब बिकी| वह पुस्तक मैनें भी पढ़ी थी और मेरे जैसे सैंकड़ों लोगों ने पढ़ी| अवसर मिले तो आप भी पढ़िए|
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भारत से बाहर ईसाईयत प्रभावहीन होती जा रही है| उसकी धार समाप्त हो गयी है| ईसाईयत ने अपना पूरा जोर, पूरी शक्ति भारत और नेपाल में झोंक दी है| चीन में और सभी मुस्लिम देशों में ईसाई प्रचारक प्रवेश भी नहीं कर सकते| श्रीलंका जैसे देश ने भी उन पर प्रतिबन्ध लगा रखा है| पर विश्व में अनेक अति गुप्त ईसाई संस्थाएँ हैं जो घोर कुटिलता और हिंसा से अभी भी पूरे विश्व पर अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहती हैं| ऐसी संस्थाओं से हमें अति सचेत रहना है| भारत की रक्षा तो भगवान ने ही की है, अन्यथा भारत तो उनके द्वारा अब तक नष्ट हो चुका होता|
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मेरे कई ईसाई मित्र थे (रोमन कैथोलिक भी और प्रोटोस्टेंट भी) जिनके साथ मैं कई बार उनके चर्चों में गया हूँ और वहाँ की प्रार्थना सभाओं में भी भाग लिया है| दो बार इटली में वेनिस और कुछ अन्य नगरों में भी गया हूँ जहाँ खूब बड़े बड़े चर्च हैं जिनमें उपस्थिति नगण्य ही रहती है| यूरोप व अमेरिका के कई ईसाई पादरियों से भी मेरी मित्रता रही है| कुल मिलाकर मेरा अनुभवजन्य मत यही है कि जो जिज्ञासु ईसाई हैं उनको अपनी जिज्ञासाओं का समाधान सनातन हिन्दू धर्म में ही मिलता है, और इस बात की पूरी संभावना है कि विश्व के सारे समझदार ईसाई एक न एक दिन हिन्दू धर्म को ही अपना लेंगे| मुझे एक पूर्व ईसाई जिसने बाद में हिन्दू धर्म अपना कर संन्यास भी ले लिया था, ने बताया था कि यदि हिन्दू लोग जीसस क्राइस्ट को भी एक हिन्दू अवतार ही मान लें तो दुनियाँ के सारे समझदार ईसाई हिन्दू हो जायेंगे|
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उन सब को क्रिसमस की शुभ कामनाएँ जो जीसस क्राइस्ट में विश्वास रखते हैं| उनको मैं यह निवेदन करता हूँ कि क्राइस्ट एक चेतना है -- कृष्ण चेतना| आप उस चेतना में रहो| ईश्वर को प्राप्त करना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है| आप भी ईश्वर की संतान हो| आप जन्म से पापी नहीं हो| आप अमृतपुत्र हैं| मनुष्य को पापी कहना सबसे बड़ा पाप है| अपने पूर्ण ह्रदय से परमात्मा को प्यार करो, सर्वप्रथम ईश्वर का साम्राज्य ढूँढो अर्थात ईश्वर का साक्षात्कार करो फिर तुम्हें सब कुछ प्राप्त हो जाएगा|
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ॐ तत्सत् ! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२४ दिसंबर २०१८

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