Monday 24 December 2018

मैं क्रिसमस पर ध्यान क्यों करता हूँ ? .....

मैं क्रिसमस पर ध्यान क्यों करता हूँ ? .....
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कल से ईसाईयों का दो दिन का क्रिसमस का पर्व है| मैं हिन्दू होकर भी क्रिसमस की पूर्वरात्री (२४ दिसंबर) को भगवान का गहनतम ध्यान करता हूँ, इसका कारण मेरा दृढ़ विश्वास है कि एक न एक दिन शीघ्र ही पूरे विश्व के ईसाई मतावलंबी सनातन हिन्दू धर्म को मानने लगेंगे| पूरे विश्व में अधिकाँश ईसाई मतावलंबी ईसाईयत से निराश होकर नास्तिक हो गए हैं| सिर्फ भारत में ही सनातन धर्म को नष्ट करने में उन्होंने अपनी पूरी शक्ति लगा रखी है| भारत से बाहर बड़े से बड़े ईसाई धर्मगुरुओं की आस्था भी खंडित हो चुकी है| वे सिर्फ दिखावे के लिए ही बड़ी बड़ी बातें करते हैं, अन्दर से खोखले हैं| यह मेरा निजी अनुभव है| असत्य पर कभी गहरी नींव नहीं पडती|
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ईसाईयत का मुख्य आधार व मोड़-बिंदु ..... "Resurrection" यानी ईसा मसीह के पुनरोत्थान की अवधारणा है| भारतवर्ष में यह कोई चमत्कार नहीं है| भारत में अनेक संत-महात्मा पुनर्जीवित व दीर्घजीवी हुए हैं|
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अन्य कुछ भी उल्लेखनीय नहीं है| मदिरा पान, नाच-गाना, और मांसाहार से कोई धार्मिक नहीं बनता| |सभी को शुभ कामनाएँ और नमन ! अभिनन्दन में सब का करता हूँ, अतः पुनश्चः सभी श्रद्धालुओं को नमन !

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ॐ तत्सत् ! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२३ दिसंबर २०१८

1 comment:

  1. आज की रात हमारे अनेक मित्र पूरी रात गहन व दीर्घ ध्यान साधना करेंगे| उनकी आस्था है कि जीसस क्राइस्ट की मूल शिक्षाएँ वे ही थीं जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने दी थीं| समय के गलत प्रभाव से उनमें विकृति आ गईं| हमारा विश्वास है कि एक न एक दिन जीसस क्राइस्ट के अनुयायी सनातन हिन्दू धर्म को ही स्वीकार कर लेंगे| हम तो सिर्फ निमित्त मात्र हैं, करने वाले तो सर्वव्यापी स्वयं भगवान वासुदेव ही हैं, जिनकी हम उपासना करते हैं|
    ॐ तत्सत् ! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !
    कृपा शंकर
    २४ दिसंबर २०१८

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