Wednesday, 18 July 2018

वैदिक राष्ट्रीय प्रार्थना .....

वैदिक राष्ट्रीय प्रार्थना .....
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ओम् आ ब्रम्हन्ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायतां
आस्मिन्राष्ट्रे राजन्य इषव्य
शूरो महारथो जायतां
दोग्ध्री धेनुर्वोढाअनंवानाशुः सप्तिः
पुरंधिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः
सभेयो युवाअस्य यजमानस्य वीरो जायतां|
निकामे निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु
फलिन्यो न औषधयः पच्यन्तां
योगक्षेमो नः कल्पताम ||
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(इस राष्ट्र में ब्रह्मतेजयुक्त ब्राह्मण उत्पन्न हों| धनुर्धर, शूर और बाण आदि का उपयोग करने वाले कुशल क्षत्रिय पैदा होयें| अधिक दूध देने वाली गायें होवें| अधिक बोझ ढो सकें ऐसे बैल होवें| ऐसे घोड़े होवें जिनकी गति देखकर पवन भी शर्मा जावे| राष्ट्र को धारण करने वाली बुद्धिमान तथा रूपशील स्त्रियां पैदा होवें, विजय संपन्न करने वाले महारथी होवें|
समय समय पर योग्य वारिस हो, वनस्पति वृक्ष और उत्तम फल हों| हमारा योगक्षेम सुखमय बने|)

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