Sunday 8 April 2018

मानवीय चेतना से ऊपर उठें .....

मानवीय चेतना से ऊपर उठें .....
.
मानवीय चेतना से ऊपर उठ कर देवत्व में स्वयं को स्थापित करने का कोई न कोई मार्ग तो अवश्य ही होगा| हमें अपने जीवन का केंद्र बिंदु परमात्मा को बनाना ही पड़ेगा| वर्तमान सभ्यता में मनुष्य की बुद्धि का तो खूब विकास हो रहा है पर अन्य सद् गुणों का अधिक नहीं| मूक और निरीह प्राणियों पर क्रूर अत्याचार और अधर्म का आचरण प्रकृति कब तक सहन करेगी? मनुष्य का लोभ और अहंकार अपने चरम पर है| कभी भी महाविनाश हो सकता है| धर्म का थोड़ा-बहुत आचरण ही इस महाभय से रक्षा कर सकेगा| हम स्वयं को यह शरीर समझ बैठे हैं यही पतन का सबसे बड़ा कारण है| इस विषय पर कुछ मंथन अवश्य करें|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
६ अप्रेल २०१७

No comments:

Post a Comment