Sunday 8 April 2018

तीज त्योहाराँ बावड़ी ले डूबी गणगौर .......

तीज त्योहाराँ बावड़ी ले डूबी गणगौर .......
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होली के दूसरे दिन से ही नित्य अनेक घरों में मंगल गीत गाये जा रहे थे| सभी नवविवाहिताएँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए, और कुँआरी कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए गणगौर के रूप में पार्वती-शिव की उपासना कर रही थीं|

आज उस अठारह दिन के उपासना पर्व का अवसान हो गया है| आज नवविवाहिता सौभाग्याकांक्षिणी महिलाओं ने और कन्याओं ने खूब उत्साह से गणगौर की पूजा की, और प्रतीकात्मक मिट्टी की मूर्तियों को तालाबों या बावड़ियों में प्रवाहित कर दिया|

अब भयंकर गर्मी का मौसम आ जाएगा और कई दिनों तक तीज त्यौहार नहीं आयेंगे| उलाहना के रूप में इसीलिए यह कहावत पडी ...."तीज त्योहाराँ बावड़ी ले डूबी गणगौर"|


९ अप्रेल २०१६

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