Friday 6 January 2017

असफलता का मौसम सफलता के बीज बोने के लिए सबसे अच्छा समय है.....

असफलता का मौसम सफलता के बीज बोने के लिए सबसे अच्छा समय है.....
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गोरखपुर में 5 जनवरी 1893 को जन्मे मुकुंद लाल घोष जो पूरे विश्व में परमहंस योगानंद के नाम से प्रसिद्ध हुए, ने अमेरिका में ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व में लाखों लोगों को ध्यान और क्रिया योग की शिक्षा दी| सचमुच धन्य है भारत भूमि जहाँ ऐसे महान योगियों एवं तपस्वियों ने जन्म लिया। उनकी लिखी पुस्तक "Autobiography of a Yogi" ने लाखों व्यक्तियों को आध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है| विश्व की प्रायः हर प्रमुख भाषा में इसका अनुवाद हो चुका है|
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7 मार्च 1952 को अमेरिका में देह-त्याग से पूर्व इन्होने अपनी प्रिय भारत भूमि को इन शब्दों में याद किया ......
Better than Heaven or Arcadia; I love Thee, O my India!
And thy love I shall give; To every brother nation that lives.
............ Where Ganges, woods, Himalayan caves, and men dream God – I am hallowed; my body touched that sod.
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गुरुदेव परमहंस योगानंद जी के कुछ वचन .....
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एक टूटा हुआ माइक्रोफोन सन्देश प्रसारित नहीं कर सकता है, इसी तरह एक बेचैन मन भगवान् की प्रार्थना नहीं कर सकता|
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एक नश्वर प्राणी के रूप में आप सीमित हैं, लेकिन भगवान् के पुत्र के रूप में आप असीमित हैं…अपना ध्यान भगवान् पर केन्द्रित करें, और आपको जो चाहिए वो शक्तियाँ किसी भी दिशा में उपयोग करने के लिए मिल जायेंगी|
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जब भी आप कुछ निर्मित करना चाहें, बाह्य स्रोत पर निर्भर मत करिए: अन्दर गहराई तक जाइए और अनंत स्रोत को खोजिये|
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अगर आप दुखी होना चाहते हैं, तो दुनिया में कोई भी आपको प्रसन्न नहीं कर सकता। लेकिन अगर आप प्रसन्न रहने का मन बना लें तो इस पृथ्वी पर कोई भी और कुछ भी आपसे वो प्रसन्नता नहीं छीन सकता|

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