Friday 6 January 2017

माया की महिमा .....

माया की महिमा .....
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भगवान सर्वव्यापी है फिर भी हम उन्हें बाहर ढूंढते हैं| क्या वे निरंतर हमारे साथ नहीं हैं? वे शब्दों से परे है, फिर भी हम उन्हें शब्दों से बाँधते हैं| सारे शब्द उन्हीं के नहीं हैं क्या? वे सर्वज्ञ हैं फिर भी हम उनसे कुछ ना कुछ माँगते हैं| क्या उन्हें पता नहीं है कि हमें क्या चाहिए? यह सब माया की महिमा है|
देखने के लिए कुछ तो दूरी चाहिए, पर यहाँ तो कुछ दूरी है ही नहीं|

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