Friday 6 January 2017

शांति कैसे प्राप्त हो ? ......

शांति कैसे प्राप्त हो ? ......
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शांति स्वयं के भीतर है, कहीं बाहर नहीं| जो बाहर शांति को ढूँढते हैं उन्हें आज तक कहीं भी शान्ति नहीं मिली है| पूरा ब्रह्मांड गतिशील है, कुछ भी स्थिर और शांत नहीं है| दुनियाँ की भागदौड़ ऐसे ही चलती रहेगी और अशांति व अवसाद के आक्रमण भी ऐसे ही होते रहेंगे|
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विचारों के झंझावातों से परे शांति हमारे मन के भीतर ही है| जिन्हें शांति चाहिए, वे कभी कभी मौन व्रत का अभ्यास करें, चाहे दिन में दो-चार घंटे का ही सही| एकांत में बैठकर अपना मोबाइल बंद कर दें| किसी बीजमंत्र पर ध्यान करते हुए विचारों से मुक्त होने का अभ्यास करें| एक पन्ने पर लिख कर साथ में रख लें कि "मैं मौन में हूँ, कोई मुझसे बात न करे|" कोई आपसे बात करने का प्रयास करे तो उसे वह पन्ना दिखा दें| आते-जाते सांस पर ध्यान रखें और बीजमन्त्र का मानसिक जप करते रहें| एक लम्बे अभ्यास के बाद बीजमंत्र भी तिरोंहित हो जाएगा और जब भी हम चाहें कहीं भी हम शान्ति का अनुभव कर सकेंगे| बीज मन्त्र का जप करते समय आँखों को भ्रूमध्य में स्थिर रखें, इधर उधर घुमाएं नहीं| भीड़-भाड़ और शोरगुल वाले स्थानों से दूर रहें|
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विचारों से मुक्त होने के उपरांत ही हमें शांति मिल सकती है| तरह तरह के विचार और नकारात्मक चिंतन ही हमें अशांत करते हैं| दिन में कुछ समय भगवान के लिए आरक्षित कर लें , उस समय भगवान के अतिरिक्त अन्य कुछ भी न सोचें|
शांति के लिए नशा करने और कहीं भागने की आवश्यकता नहीं है| एकमात्र आवश्यकता कुछ समय के लिए विचारों से मुक्त होने की है|
ॐ ॐ ॐ ||

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