Monday 9 January 2017

हमें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए .....

हमें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए .....
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हमें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए| हम आत्मनिंदा और आत्महीनता के बोध से बचे| वर्तमान में हिन्दुओं द्वारा अपने धर्म, संस्कृति, धर्मगुरुओं और परम्पराओं का उपहास उड़ाना और उपहास को सहन करना निश्चित रूप से आत्म-ह्त्या का प्रयास है|
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धर्म को समझने का प्रयास करें, उसका अध्ययन करें और फिर कोई टिप्पणी करें| सिर्फ हिन्दू माँ-बाप के घर जन्म लेने मात्र का यह अर्थ नहीं है कि स्वतः ही किसी को सनातन हिन्दू धर्म का ज्ञान हो जाए| उसके लिए अध्ययन और साधना आवश्यक है|
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विदेशों में जिन्हें भी हिन्दू धर्म का ज्ञान है और जो सत्य के उपासक हैं उन्हें धर्म की अधिक चिंता है| धर्म की रक्षा, धर्म का पालन कर के ही कर सकते हैं| हिन्दू धर्म की जो आलोचना और निंदा हो रही है उसके पीछे विदेशी परम दानव समाज का हाथ है जो भारत की अस्मिता को समाप्त कर देना चाहता हैं| हम धर्म की रक्षा करेंगे तभी धर्म हमारी भी रक्षा करेगा|
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परमात्मा से अहैतुकी प्रेम व समर्पण, और सर्वस्व के कल्याण की कामना सिर्फ सनातन हिन्दू धर्म ही सिखाता है| हमारे परम आदर्श भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण हैं|
जय भारत, जय सनातन संस्कृति|
ॐ ॐ ॐ ||

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