Monday 9 January 2017

पौष बड़ा महोत्सव ......

पौष बड़ा महोत्सव ......
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पौष के महीने में किसी दिन श्रद्धालू किसी मंदिर में एकत्र होकर खूब भजन-कीर्तन करते हैं और मूंग की दाल से बनाए हुए बड़े भगवान को अर्पित कर उनका प्रसाद बाँटते हैं, इसे पौष बड़ा महोत्सव कहते हैं| आजकल बड़ों के साथ साथ और भी कोई परम्परागत मिठाई कहीं कहीं बाँटने लगे हैं|
यह संस्कृति पहिले जयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में ही खूब थी, पर अब तो जयपुर के उत्तर में पूरे शेखावाटी क्षेत्र में भी बहुत सामान्य हो गयी है| राजस्थान के अन्य भागों में भी इसका आयोजन होने लगा है|
कल दो स्थानों पर पौष बड़ा महोत्सवों में जाने का अवसर मिला| एक तो एक समाज विशेष की ओर से था, और दूसरा नगर नरेश बालाजी मंदिर झुंझुनू में था| नगर नरेश बालाजी मंदिर में एकत्र अनेक माताओं, बहिनों व भाइयों ने खूब भजन-कीर्तन किये और प्रसाद बाँटा| बड़े आनंद के क्षण थे|
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किसी समय हमारे यहाँ खूब गोठ (संस्कृत के गोष्ठी शब्द का अपभ्रंस) हुआ करती थी, जिसमें एकत्र श्रद्धालू मूंग की दाल, बाटी और चूरमा का प्रसाद पाते थे| अब यह परम्परा बहुत कम रह गयी है|
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सर्दी के मौसम में भगवान की भक्ति का आनंद कुछ अधिक ही है| इस सर्दी के मौसम का खूब लाभ उठाएँ और भगवान की खूब भक्ति करें|
सभी को शुभ कामनाएँ और नमन ! ॐ ॐ ॐ ||

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